पटना में महाबैठक: भाजपा को हराने के लिए एकजुटता का आह्वान, जानें बैठक को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने क्या कहा
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए संयुक्त रणनीति बनाने के लिए विपक्षी नेताओं की बैठक पटना में शुरू हो रही है। बैठक में 15 से अधिक विपक्षी दल भाग ले रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
बैठक से पहले विपक्षी दलों और भाजपा के बीच बयानबाजी भी हुई, जो लगातार जारी है। आइए, कुछ नेताओं की प्रतिक्रिया पर नजर डालते हैं:
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने रवि शंकर प्रसाद के "इन सब में से दूल्हा कौन है?" के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "रवि शंकर प्रसाद दूल्हे की चिंता ना करें, हमारा दूल्हा तैयार है। आप बस बारात के स्वागत की तैयारी करो। विपक्षी दलों की बैठक लोकतंत्र के हित में आवाज बुलंद करने के लिए बुलाई गई है।"
आरजेडी के नेता आलोक कुमार मेहता ने कहा, "यह बैठक भारत के लोकतांत्रिक ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब विपक्ष एकजुट होता है तो लोकतंत्र मजबूत होता है। जब जब विपक्ष ने लड़ाई की है, एक होकर लड़ाई की है। जब चुनाव होंगे तब हम नेता भी चुन लेंगे।
जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा, "ये देश के विपक्ष की बैठक नहीं है, ये बैठक देश को 140 करोड़ लोगों की जिंदगी और उनके हिफाजत के लिए है। बैठक बिहार को हमेशा अपमान की दृष्टि से देखने के खिलाफ है और अच्छी शुरुआत के लिए है...कांग्रेस भाजपा को हराने वाली अकेली पार्टी है, देश में कांग्रेस से अलग रहकर कोई भाजपा को नहीं हरा सकता।"
कांग्रेस के नेता तारिक अनवर ने कहा, "हमें राष्ट्रीय स्तर के लिए एक रणनीति तैयार करनी होगी। हर किसी को विश्वास है कि हम चुनाव एकजुट होकर लड़ सकते हैं। यह पहली बैठक है, मगर इसके बाद और भी बहुत सारी बैठकें होंगी।"
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, "हम सभी विरोधी दलों का स्वागत करते हैं अगर सारे दल एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो हम भाजपा को देशभर में 100 सीटों से कम पर रोक सकते हैं।"
जेडीयू के नीरज कुमार ने कहा, "ममता बनर्जी, अखिलेश यादव सहित सभी विरोधी दलों के नेता एकजुट होकर प्रधानमंत्री मोदी को साल 2024 में हराने के लिए तैयार हैं। यह निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी, अगर सारे दल एक साथ आ जाते हैं। उनकी राजनीति की दुकान बंद हो जाएगी।"