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24 May 2023

सेवा संबंधी अध्यादेश बताता है कि मोदी सरकार न्यायालय पर विश्वास नहीं करती: अरविंद केजरीवाल

मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से उनके आवास पर हुई मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर राज्य सरकारों को गिराया जा रहा है।

वहीं, उद्धव ने केजरीवाल से मुलाकात के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि हम उन ताकतों को हराने के लिए एक साथ आए हैं, जो लोकतंत्र के खिलाफ हैं।

केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सेवाओं के नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) की लड़ाई में शिवसेना (यूबीटी) का समर्थन मांगने के लिए उद्धव से मिले।

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उद्धव से मुलाकात के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, ‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा तथा दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी भी केजरीवाल के साथ थीं।

एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र राज्य सरकारों को गिराने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहा है। उन्होंने महाराष्ट्र में पिछले साल उद्धव के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के गिरने का जिक्र किया।

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा, “दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़ा केंद्र का अध्यादेश इस बात का परिचायक है कि मोदी सरकार उच्चतम न्यायालय पर विश्वास नहीं करती है।”

वहीं, उद्धव ने कहा, “हम उन ताकतों को हराने के लिए एक साथ आए हैं, जो लोकतंत्र के खिलाफ हैं।”

केजरीवाल ने कहा कि उद्धव ने राज्यसभा में (सेवा पर नियंत्रण संबंधी केंद्र के अध्यादेश से जुड़े) विधेयक के खिलाफ मतदान करने की सहमति जताई है।

केजरीवाल बुधवार को ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से भी मिलकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ ‘आप’ की लड़ाई में उनका समर्थन मांगेंगे।

इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने के लिए देशभर की यात्रा के तहत केजरीवाल और मान ने मंगलवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी।

केंद्र सरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के वास्ते 19 मई को एक अध्यादेश लेकर आई थी।

इससे एक हफ्ते पहले ही उच्चतम न्यायालय ने पुलिस, लोक सेवा और भूमि से संबंधित विषयों को छोड़कर बाकी सभी मामलों में सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली की चुनी हुई सरकार को सौंप दिया था।

किसी अध्यादेश को छह महीने के भीतर संसद की मंजूरी मिलना आवश्यक होता है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में इस अध्यादेश से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है।

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TAGS: Ordinance, control of services in Delhi, Modi govt, Supreme Court, Arvind Kejriwal
OUTLOOK 24 May, 2023
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