ओवैसी का पीएम मोदी से सवाल, अरुणाचल से लद्दाख तक गंभीर हैं हालात, देश से क्यों सच छिपा रही सरकार?
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर विपक्ष का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर से तीखा हमला बोला है। ओवैसी ने तवांग मसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर मामले की लीपापोती करने का आरोप लगाया।
ओवैसी ने सरकार पर हमला बोलते हए कहा, "यह मोदी सरकार की लीपापोती है। इसलिए संसद में बहस जरूरी है, जहां पीएम को सवालों के जवाब देने चाहिए। हमारे लोगों से सच क्यों छुपाया जा रहा है?"
ओवैसी ने एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि अगर ब्रिटेन के एक अखबार की यह रिपोर्ट सही है, तो इसका मतलब है कि चीन से लगी सीमा पर हालात उससे कहीं ज्यादा गंभीर हैं, जितना बताया जा रहा है। मामला लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक गंभीर बना हुआ है। इसके लिए सरकार को जवाब देना चाहिए।
ओवैसी प्रधानमंत्री पर तीखा हमला करते हुए ट्विटर पर लिखा, "हमारे पास एक मजबूत सेना है लेकिन बहुत कमजोर पीएम है। वे चीन का नाम लेने से भी डरते हैं, देश और नेता के बारे में पूछे जाने वाले सवालों से दूर भागते हैं और अब एक बड़े संकट की आड़ ले रहे हैं।" ओवैसी ने कहा कि इस मामले में केवल एक बहस के जरिए ही इसका जवाब मिल सकता है, लेकिन सरकार का रुख बिल्कुल अस्वीकार्य है।
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि जब चीन की बात आती है, तो इस सरकार के दावे आधे-अधूरे सच, भ्रामक तथ्यों और मनोरंजक विकर्षणों पर आधारित होते हैं। मोदी के नेतृत्व में भारत चीन के बाद दूसरे नंबर पर कैसे आ रहा है, इस बारे में तथ्य और सच्चाई जनता से छिपाई जा रही है। केवल एक संसदीय बहस ही उत्तर प्रदान कर सकती है।
ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार ने 2017 में दावा क्यों किया कि डोकलाम में डिसइंगेजमेंट के बाद समस्या हल हो गई है? सिर्फ इसलिए कि मोदी शी के साथ वुहान और चेन्नई में शिखर सम्मेलन करना चाहते थे। चीनी डोकलाम पर नहीं रुके हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार ने जनता और संसद को अंधेरे में रखा है। चीन की सच्चाई सामने आने से क्यों डर रही है? चीनी आक्रमण के बारे में तथ्यों को छिपाने में मोदी की क्या दिलचस्पी है?