एक शिक्षक के मुरीद हुए पीएम मोदी, देश के लिए दे डाली मिसाल
झारखंड के गढ़वा जिले के रंका अनुमंडल के सिंजो गांव के सिंजो प्राथमिक विद्यालय के एक पारा शिक्षक हीरामन कोरवा की पुस्तक 'कोरवा शब्द कोष ' लोग तलाश रहे हैं। क्या झारखंड क्या दूसरे प्रदेश के लोग। आदिम जनजाति से आने वाले हीरामन कोई पहचाने हुए लेखक नहीं हैं। बस एक ही पुस्तक आई है शब्द कोष के रूप में। वह भी मात्र पचास पेज की। झारखंड की एक लुप्त होती भाषा के शब्दों का संकलन कर इसे शब्द कोष के रूप में पेश किया गया है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात में हीरामन की चर्चा की और इसके प्रयास को देश के लिए मिसाल बता दिया। बस रातों रात हीरामन, हीरो हो गये। साहित्यकारों से लेकर आम लोगों के बीच चर्चा का विषय। लोग उनके शब्द कोष तलाश रहे हैं। कोरवा ऑस्ट्रो एशियाई परिवार की जनजाति की भाषा है। झारखंड में इनकी आबादी कोई तीस हजार के आस-पास है।
गांव के जिस प्राथमिक स्कूल में पढ़े उसी स्कूल में रोजी रोटी के लिए पारा शिक्षक की भूमिका में काम करने वाले हीरामन ने नहीं समझा था कि उसे उसका यह प्रयास एक दिन प्रधानमंत्री तक पहुंच जायेगा। उसे तो बस अपने समाज की भाषा को बचाने, सुरक्षित करने की चिंता थी। थोड़ा होश संभाला उसके बाद डायरी के पन्नों में शब्दों को सहेजता चला गया। मड़ंग मतलब आग, तोरोज मतलब राख, ऊंगा मतलब गांव और इसी तरह के दूसरे शब्द जो बाहर की दुनिया के लिए एकदम अनजान से थे, हैं। उनके शब्द कोष में दैनिक जीवन, पशु पक्षी, रंग, माह, अनाज, पोशाक, घर-गृहस्थी में इस्तेमाल होने वाले शब्दों का ढेर है। हीरामन अपने धुन में लगे रहते तो पत्नी से भी नोक-झोंक हो जाती कि किस धुन में लगे रहते हैं। कोई बारह साल लग गये इस शब्द कोष को तैयार करने में। पैसे थे नहीं कि खुद पुस्तक छपवाएं, अंतत: गढ़वा के आदिम जनजाति कल्याण केंद्र और पलामू की मल्टी आर्ट एसोसिएशन नामक संस्था ने पुस्तक छपवाने में आर्थिक सहयोग किया और अब शब्द कोष सामने है।
क्या कहा था प्रधानमंत्री ने
मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हीरामन गढ़वा जिले के सिंजो गांव में रहते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कोरवा जनजाति की आबादी महज छह हजार है। जो शहरों से दूर, जंगल पहाड़ों में निवास करती है। अपने समुदाय की संस्कृति और पहचान को बचाने के लिए हीरामनजी ने बीड़ा उठाया। 12 साल के अथक प्रयास के बाद विलुप्त होती कोरवा भाषा का शब्द कोष तैया किया है। ....... हीरामनजी ने जो कर दिखाया है वह देश के लिए एक मिसाल है।