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21 November 2019

आर्थिक संकट से निपटने के लिए पीएम मोदी को करनी चाहिए विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों से बातः ममता बनर्जी

ANI

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विनिवेश को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कई सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बेचने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को आर्थिक संकट से निपटने के लिए विशेषज्ञों और सभी राजनीतिक दलों से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी बेचकर धन जुटाने से फौरी राहत मिल सकती है लेकिन केंद्र सरकार को छोटे-छोटे कदम उठाने के बजाय स्थायी समाधान करना चाहिए। आर्थिक स्थिरता होने तक इस तरह के उपाय समाधान नहीं हो सकते हैं।

ममता बनर्जी ने कहा कि एक चुनी हुई सरकार को स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए लेकिन देश को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर अन्य दलों की भी राय ली जानी चाहिए।  उन्होंने कहा, मेरी राय है कि पीएम को आर्थिक संकट से निपटने के लिए देश में विशेषज्ञों से बात करनी चाहिए और सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।

'सब कुछ बेच दिया तो सरकार के पास क्या रहेगा'

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बनर्जी ने कहा कि पीपीपी मॉडल में निजी कंपनियों की भागीदारी की अनुमति विशिष्ट क्षेत्रों में दी जा सकती है, जैसा कि उनके कार्यकाल के दौरान रेल मंत्री ने किया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियों को बेचना बुद्धिमानी वाला फैसला नहीं है। अगर केंद्र ने सब कुछ बेच दिया, तो सरकार के साथ क्या रहेगा।

कई पीएसयू बैंकों के विलय पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का दो अन्य बैंकों के साथ विलय राज्य सरकार के लिए समस्या पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की कई योजनाएं बैंकों के माध्यम से चलती हैं, इसलिए यदि यूबीआई के मुख्यालय को राज्य से बाहर स्थानांतरित कर दिया जाता है, तो इन योजनाओं का भविष्य सवालों के घेरे में आ सकता है।

'रोजगार पैदा करने के खोजने चाहिए तरीके'

ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोगों के हित में रोजगार पैदा करने के तरीके खोजने के लिए सभी राजनीतिक दलों से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कंपनियों के विनिवेश से रोजगार नहीं पैदा होंगे। केंद्र सरकार ने इससे पहले भी विनिवेश का रास्ता अपनाया था, लेकिन यह उपाय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में विफल रहा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लिया फैसला

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल), भारतीय जहाजरानी निगम और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया सहित पांच सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी। इनमें हिस्सेदारी बेचने के साथ प्रबंधन नियंत्रण भी दूसरे हाथों में सौंपा जायेगा। साथ ही चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से नीचे लाने को भी मंजूरी दी है। 

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TAGS: PM, talk, experts, pol, parties, economic, crisis, Mamata Banerjee
OUTLOOK 21 November, 2019
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