प्रधानमंत्री की सियासी पाठशालाा
संसद सत्र के एक दिन पहले आयोजित इस कार्यशाला को भी सियासी नजरिए से देखा जा रहा है। कांग्रेस की किसान रैली का आयोजन जो कि पहले से तय था उसी बीच में भाजपा के इस आयोजन से माना जा रहा है कि मीडिया का ध्यान किसान रैली से बंट जाएगा और हुआ भी वही। इलेक्ट्रानिक चैनलों पर प्रधानमंत्री का लगातार लाइव भाषण दिखाया गया और किसान रैली की खबरें कम दिखाई गई। प्रधानमंत्री नेे सांसदों से कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से संसद का कामकाज 125 प्रतिशत हो गया है। मोदी ने कहा, अगर विपक्ष सरकार पर हमला करता है तो यह और अधिक फायदेमंद हो सकता है। हालांकि संसद के अंदर यह भयावह हो सकता है। मोदी ने सांसदों से कहा कि उन्हें केंद्र के कामकाज को लेकर और खासतौर पर बजट के बारे में प्रतिक्रियाएं मिल रही होंगी और वे संसद सत्र में और अधिक चेष्टा के साथ शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा, एक तरह से सत्र का दूसरा चरण अधिक दमदार होता है क्योंकि सांसद और अधिक ध्यान के साथ आते हैं। मोदी ने विश्वास जताया कि सत्र का यह आधा हिस्सा गुणवत्तापरक चर्चाओं और परिणामों से परिपूर्ण होगा। भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले के छह-सात सालों में संसद के अपेक्षाकृत कमजोर कामकाज का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्राी ने कहा कि उन्हें जनता का बार बार शुक्रिया अदा करना चाहिए क्योंकि संसद में कामकाज 125 प्रतिशत इसलिए हो गया क्योंकि जनता ने ही पार्टी को बहुमत दिया। प्रधानमंत्राी ने अपने भाषण में बीच बीच में मीडिया पर निशाना साधा लेकिन संसद में कामकाज बाधित होने को लेकर राजनीतिक दलों पर दबाव बनाये रखने के लिए प्रेस का शुक्रिया भी अदा किया, भले ही विपक्ष या सरकार में कोई भी पार्टी रही हो। हालांकि उन्होंने कहा कि संसद में कामकाज बढ़ने की बात को सही तरीके से उजागर नहीं किया गया