पुलिस ने संजय रॉय का सामान जब्त करने में दो दिन की देरी की: सीबीआई अधिकारी
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि पुलिस ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के आरोपी संजय रॉय के कपड़े जब्त करने में दो दिन की देरी की जबकि अपराध के एक दिन बाद 10 अगस्त को ही इसमें उसकी संलिप्तता का पता चल गया था।
पुलिस के स्वयंसेवी के रूप में काम करने वाले रॉय को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया था जिसमें वह घटना वाले दिन तड़के चार बजकर तीन मिनट पर कॉलेज के सेमीनार हॉल में घुसते हुए दिख रहा था।
अधिकारियों ने कहा कि अपराध में रॉय की भूमिका पहले ही सामने आ गयी थी लेकिन ताला पुलिस ने उसके कपड़े तथा अन्य सामान जब्त करने में ‘‘दो दिन तक अनावश्यक देरी’’ की। उन्होंने कहा कि इससे उसके खिलाफ पुख्ता सबूत मिल सकते थे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 14 अगस्त को इस मामले की जांच संभालने वाली सीबीआई ने इस मामले के संबंध में कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और ताला पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों सवालों का जवाब देने से बचते नजर आए।
अधिकारियों ने दोनों पर ‘‘दुर्भावनापूर्ण मंशा’’ रखने का भी आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने ‘‘इस मामले से संबंधित सबूतों और अहम डेटा से छेड़छाड़’’ करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि सीबीआई अब यह जांच कर रही है कि क्या रॉय, घोष और मंडल के बीच कोई आपराधिक साजिश थी।
एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ‘‘मुख्य आरोपी और सह-आरोपियों के बीच आपराधिक साजिश की संभावना’’ खंगालने के उद्देश्य से विभिन्न बयानों की पुष्टि करने के लिए ‘‘हर व्यक्ति के फोन कॉल’’ की जानकारियों का सत्यापन करेगी।
उन्होंने बताया कि एजेंसी दोनों से ताला पुलिस थाने के सीसीटीवी फुटेज, अपराध स्थल, मेडिकल कॉलेज और उनके फोन से मिले डेटा के बारे में पूछताछ करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या मामले पर पर्दा डालने के लिए कोई साजिश रची गयी थी।
अधिकारियों ने कहा कि मंडल और घोष ने कथित तौर पर जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कराया जबकि परिवार के सदस्यों ने दूसरी बार पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि जांच पर बारीकी से नजर रखने और जल्द से जल्द प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवश्यक कदम उठाने के बजाय घोष अपराध स्थल से ‘‘जानबूझकर अनुपस्थित’’ रहे।
उन्होंने बताया कि एजेंसी रॉय और मंडल के खिलाफ मृतका के परिवार के सदस्यों के साथ ही अन्य स्रोतों द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच कर रही है। प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का शव नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। शव पर गंभीर चोटों के निशान थे।