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08 January 2019

सीबीआई विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विपक्ष ने किया स्वागत, कहा- यह सरकार के लिए है सबक

सीबीआई विवाद पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए निदेशक आलोक वर्मा को राहत दी। उन्होंने 23 अक्टूबर को सरकार द्वारा जारी उनकी छुट्टी के आदेश को रद्द कर दिया। यानी वर्मा की अपने पद पर दोबारा बहाली हो गई है। हालांकि वर्मा को सीवीसी जांच पूरी होने तक कोई भी बड़ा फैसला लेने से रोक दिया है। माना जा रहा है कि इस फैसले से केंद्र सरकार को झटका लगा है। अदालत के इस फैसले के बाद विपक्ष को सरकार पर हमला करने का फिर एक मौका मिल गया है।

कांग्रेस ने इस फैसले को सरकार लिए सबक बताया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हम किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं। अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। यह सरकार के लिए सबक है। आज आप इन एजेंसियों का उपयोग लोगों पर दबाव बनाने के लिए करेंगे, कल कोई और करेगा, ऐसे में लोकतंत्र का क्या होगा?'

केजरीवाल ने बताया पीएम पर कलंक

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फैसले पर कहा, 'सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को बहाली करना सीधे पीएम पर कलंक है। मोदी सरकार ने हमारे देश में सभी संस्थानों और लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है। क्या राफेल घोटाले की जांच रोकने के लिए सीबीआई निदेशक को अवैध रूप से आधी रात को हटाया नहीं गया, जो सीधे पीएम की ओर जाती।'

यह एक संस्था की जीत

अलोक वर्मा के वकील संजय हेगड़े ने फैसले के बाद कहा, “यह एक संस्था की जीत है, देश में न्याय की प्रक्रिया अच्छी चल रही है। न्याय प्रक्रिया के खिलाफ कोई जाता है तो सुप्रीम कोर्ट उसके लिए मौजूद है।” वहीं इस मामले में याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने इसे आलोक वर्मा की आंशिक जीत करार दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आलोक वर्मा को हटाने से पहले सेलेक्ट कमिटी से सहमति लेनी चाहिए थी। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को कानून के तहत सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का कोई अधिकार नहीं है। सिर्फ सेलेक्ट कमेटी के पास ही ये अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई पावर सेलेक्ट कमेटी में प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में नेता विपक्ष होंगे। कोर्ट ने कहा कि ये कमेटी एक हफ्ते के भीतर वर्मा पर कार्रवाई पर फैसला ले। इस दौरान आलोक वर्मा कोई भी नीतिगत फैसला नहीं लेंगे। कोर्ट ने कहा कि आगे से ऐसे बड़े मामलों में उच्च स्तरीय कमेटी ही फैसला करेगी।

ये है मामला

सीबीआई के निदेशक आलोक कुमार वर्मा और ब्यूरो के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एकदूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद सरकार ने दोनों अफसरों को छुट्टी पर भेज दिया था और संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को अंतरिम मुखिया बना दिया था।

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TAGS: Political parties, reactions, Supreme Court, decision, petition, CBI director Alok Verma
OUTLOOK 08 January, 2019
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