Advertisement
18 April 2018

कर्नाटक में इन बड़े नेताओं के बेटों को मिली विरासत में सियासत

File Photo

केंद्र की राजनीति में यूं तो परिवारवाद चलता आया है लेकिन राज्यों की राजनीति भी इससे अछूती नहीं है। शायद ही कोई बड़ी राजनैतिक पार्टी हो जिसमें बड़े नेताओं के बेटों, बेटियों या भाइयों को कोई जिम्मेदारी न दी गई हो। कर्नाटक में भी ऐसे ही कुछ परिवार हैं जहां विरासत में सियासत मिली है।

एचडी देवगौड़ा 

पूर्व मुख्यमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) को बाप-बेटा पार्टी कहा जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री और हासन जिले से सांसद देवगौड़ा के बेटे एच डी रेवन्ना मंत्री रह चुके हैं और अब होलेनारसीपुरा से विधायक हैं। रेवन्ना की पत्नी भवानी रेवन्ना जिला पंचायत सदस्य हैं। देवगौड़ा के दूसरे बेटे एच डी कुमार स्वामी मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अब रामनगरम से विधायक हैं। वहीं उनकी पत्नी अनीता कुमार स्वामी मधुगिरि से विधायक रह चुकी हैं।

Advertisement

सिद्धारमैया

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पहले देवगौड़ा की पार्टी जेडी (एस) का हिस्सा थे। कांग्रेस का दामन थाम वह मुख्यमंत्री पद पर पहुंचे और अब अपने बेटे यतींद्र को भी वरुणा सीट से कांग्रेस का टिकट दिला दिया है।

बीएस येदियुरप्पा 

भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार बीएस येदियुरप्पा के बेटे बी राघवेंद्र पहले से राजनीति में हैं। अब उनके भाई बी विजयेंद्र भी वरुणा विधानसभा सीट से चुनाव में उतरने को तैयार हैं।

मल्लिकार्जुन खड़गे

लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम लगातार 10 चुनावों में जीत हासिल करने का रेकॉर्ड है। चीतापुर से विधायक उनके बेटे प्रियांक खड़गे मौजूदा राज्य मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं।

एस बंगरप्पा

दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगरप्पा शिवमोगा से सांसद थे। शिवमोगा की ही सोरबा सीट पर उनके बेटे कुमार बंगरप्पा भाजपा के टिकट पर तो मधु बंगरप्पा जेडी (एस) के टिकट पर आमने-सामने होंगे। उनकी बेटी गीता शिवराजकुमार शिवमोगा से लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं।

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: karnataka, ancestals, big leader, son, politics
OUTLOOK 18 April, 2018
Advertisement