राष्ट्रपति चुनावः भाजपा के पूर्व सहयोगी SAD का फैसला, पार्टी द्रौपदी मुर्मू का करेगी समर्थन
भाजपा की पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने शुक्रवार को कहा कि वह राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी। सिख समुदाय पर किए गए अत्याचारों के कारण हम कांग्रेस के साथ कभी नहीं जाएंगे।
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा मुर्मू के समर्थन के लिए शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से संपर्क करने के एक दिन बाद पार्टी ने यह फैसला किया। शिअद ने अब वापस ले लिए गए कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से नाता तोड़ लिया था।
बादल ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "हमने सर्वसम्मति से राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का फैसला किया है।" कृषि कानूनों और सिख कैदियों की रिहाई के मुद्दों का हवाला देते हुए बादल ने कहा कि उनकी पार्टी के "भाजपा के साथ कई मतभेद" हैं, लेकिन शिअद ने हमेशा समाज के गरीब और कमजोर वर्ग के लिए काम किया।
बादल ने कहा,, "यह मुद्दा एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली महिला का है और उसे राष्ट्रपति बनने का मौका मिल रहा है।" उन्होंने कहा, "अपने राजनीतिक मतभेदों को अलग रखते हुए, हमने सही रास्ता चुनने का फैसला किया है। शिअद का इतिहास कहता है कि उसने हमेशा गरीबों, अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्ग के लिए लड़ाई लड़ी। लगभग तीन घंटे तक विचार करने के बाद, हमने (कोर कमेटी की बैठक में) सर्वसम्मति से फैसला किया कि हम मुर्मूजी का समर्थन करेंगे।"
शिअद प्रमुख ने कहा कि नड्डा ने मुर्मू के समर्थन के लिए गुरुवार को उन्हें फोन किया था। उन्होंने कहा कि ओडिशा के एक आदिवासी नेता मुर्मू ने भी उन्हें अपनी पार्टी के समर्थन के लिए बुलाया। शिअद ने तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर 2020 में एनडीए से नाता तोड़ लिया था, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया था। इसी मुद्दे को लेकर हरसिमरत कौर बादल ने भी केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
शिअद अध्यक्ष बादल फिरोजपुर से सांसद हैं जबकि उनकी पत्नी हरसिमरत बठिंडा संसदीय सीट से सांसद हैं। राज्य विधानसभा में शिअद के तीन सदस्य हैं।