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22 September 2018

इस्तीफा दें पीएम मोदी, किसी कैबिनेट मंत्री को बनाएं प्रधानमंत्री: खड़गे

File Photo

राफेल डील पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के दावे पर सियासत गरम हो गई है। कांग्रेस इसे लेकर लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रही है। इस पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘यह मेरी व्यक्तिगत मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इसलिए उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए और किसी कैबिनेट मंत्री को प्रधानमंत्री नियुक्त करना चाहिए। वह नैतिक रूप से पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं।‘

फ्रांस की सरकार और कंपनी ने ओलांद के दावे को किया खारिज

वहीं, ओलांद के दावे पर फ्रांस की सरकार और कंपनी दैसॉ की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। फ्रांस सरकार और कंपनी ने ओलांद के दावे को खारिज कर दिया है।

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ओलांद के दावे के उलट फ्रांस की सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारतीय औद्योगिक पार्टनर के चुनाव में उसकी किसी तरह की भूमिका नहीं रही है। उसने जोर देकर कहा कि फ्रेंच कंपनी दैसॉ को कॉन्ट्रैक्ट के लिए भारतीय कंपनी का चुनाव करने की पूरी आजादी रही है। रिलायंस डिफेंस को साझीदार के रूप चुने जाने के दावे पर फ्रांस सरकार ने कहा कि दैसॉ ने सबसे बेहतर विकल्प को चुना है।

'डील में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं'

यूरोप एंड फॉरेन अफेयर्स मंत्रालय के प्रवक्ता ने ओलांद के दावे के उलट बयान जारी किया है। राफेल डील में भारत सरकार की भूमिका को लेकर फ्रांस सरकार ने कहा कि इस डील में पार्टनर के चुनाव का काम फ्रेंच कंपनी दैसॉ ने किया था ना कि भारत सरकार ने।

ओलांद ने क्या कहा था?

दरअसल, एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा था कि 58,000 करोड़ रुपये के राफेल डील में दैसॉ एविएशन के पार्टनर के लिए रिलायंस डिफेंस का नाम भारत सरकार ने प्रस्तावित किया था और दैसॉ एविएशन कंपनी के पास दूसरा विकल्प नहीं था। ओलांद ने ये बातें फ्रांसीसी न्यूज वेबसाइट को दिए एक इंटरव्यू में कही हैं।

भारत सरकार ने रिलांयस डिफेंस का नाम आगे बढ़ाया

ओलांद का कहना है कि भारत सरकार ने रिलांयस डिफेंस का नाम आगे बढ़ाया। सरकार ने जिस सर्विस ग्रुप का नाम दिया, बाद में उससे दैसॉ ने बातचीत की। दैसॉ ने अनिल अंबानी से संपर्क किया। हमारे पर कोई विकल्प नहीं था। हालांकि इस पर दौसॉ की ओर से बयान जारी कर साफ कर दिया गया है कि उसने ऑफसेट पार्टनर के रूप में खुद रिलायंस का चुनाव किया था। जिसका मतलब है कि भारत सरकार का इसमें कोई लेना-देना नहीं था।

फ्रेंस कंपनी ने भी दावे के उलट दिया बयान

वहीं, फ्रेंच कंपनी दैसॉ ने भी बयान जारी कर कहा है कि उसने ऑफसेट पार्टनर के रूप में खुद रिलायंस का चुनाव किया था। दैसॉ ने कहा है कि इसने 'मेक इन इंडिया' के तहत रिलायंस डिफेंस को अपना पार्टनर चुना है। उसने कहा, 'इस साझेदारी के तहत फरवरी 2017 में दैसॉ रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड जॉइंट वेंचर तैयार हुआ। जिसके बाद दैसॉ और रिलायंस ने नागपुर में फॉल्कन और राफेल एयरक्राफ्ट के मैन्युफैक्चरिंग पार्ट के लिए प्लांट बनाया है।' दैसॉ ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि भारत ने राफेल खरीदने का फैसला किया।

केंद्र सरकार पर विपक्ष हमलावर

इस बीच पहले से राफेल मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमलावर विपक्ष ओलांद के दावे के बाद और आक्रमक हो गया है। विपक्ष लगातार राफेल डील में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसके जरिए एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को निशाने पर लिया है।

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TAGS: Prime Minister, Narendra Modi, mallikarjun kharge, rafale deal, congress, bjp
OUTLOOK 22 September, 2018
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