प्रियंका गांधी का यूपी पुलिस पर आरोप, मुझे धकेला और गला दबाया गया, कांग्रेस ने की निंदा
लखनऊ में शनिवार को स्थापना दिवस के मौके पर प्रियंका गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला। कार्यक्रम के बाद वह पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने के लिए निकलीं तो पुलिस ने उनका काफिला रोक लिया। प्रियंका गांधी ने यूपी पुलिस पर दुव्यर्वहार का आरोप लगाते हुए कहा कि इस दौरान मुझे न केवल रोका गया बल्कि मेरा गला दबाया गया और मुझे पकड़कर धकेला गया। इसके बाद मैं एक कार्यकर्ता के साथ स्कूटी पर बैठ कर गई। वहीं, इस मामले पर दिल्ली और लखनऊ में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूपी सरकार को चेतावनी दी है कि तानाशाही नहीं चलेगी। कांग्रेस ने घटना की निंदा की है और यूपी सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
दारापुरी के परिवार से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं गाड़ी में शान्तिपूर्वक दारापुरी जी के परिवार से मिलने आ रही थी लेकिन मेरे रास्ते मे अचानक पुलिस की गाड़ी आई और मुझे रोक लिया। उन्होंने कहा कि आप आगे नहीं जा सकते हैं। उन्हें मालूम भी नहीं था कि मैं कहां जा रही हूं। मैं गाड़ी से उतर गई।
'आखिर यह सब किसलिए'
उन्होंने कहा कि जब मैंने पूछा कि रोकने का मतलब क्या होता है तो पुलिस ने कहा,नहीं जाने देंगे। मुझे एक महिला पुलिस कर्मचारी ने धकेला, मैं चलती रही और मेरा गला पकड़कर रोकने की कोशिश की, मैं गिर गई। जब एक पार्टी कार्यकर्ता के साथ टू व्हीलर पर चलने लगी तो पुलिस ने मुझे चारों तरफ से घेर लिया। पैदल चलकर मैं दारापुरीजी के घर पहुंची। 77 साल दारापुरी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी रहे हैं। उनकी बीवी बीमार है। ये सब किसलिए?
कांग्रेस ने की जांच की मांग
कांग्रेस ने पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा लखनऊ में रोके जाने के मामले में जांच की मांग की है। पार्टी प्रवक्ता सुष्मिता देव ने कहा, ये तानाशाही है कि प्रियंका गांधी एक विरोधी दल के नेता होने के नाते डंडे के बल पर जेल में भर्ती किए गए लोगों के परिजनों से मिलने जा रही थीं, लेकिन उन्हें रोका गया, इसकी जांच होनी चाहिए। साथ ही यूपी की सरकार बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा, 'यूपी पुलिस की सर्किल ऑफिसर ने प्रियंका गांधी की गाड़ी को इस तरीके से रोका कि उनका एक्सिडेंट होते-होते बचा। उनकी गाड़ी में 5 लोगों से कम लोग मौजूद थे और इस तरह वो धारा 144 का उल्लंघन भी नहीं कर रही थीं. लेकिन उन्हें रोका गया।'
यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू और कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने इसे कायराना हरकत बताते हुए यूपी के सीएम के इस्तीफे की मांग की है। वहीं, प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धनाथ सिंह ने महिला कांस्टेबल द्वारा धक्का दिए जाने के प्रियंका गांधी के आरोप पर कहा है कि वे झूठ बोल रहीं हैं, उनका बर्ताव निंदनीय है।
जेल में बंद हैं दारापुरी
एसआर दारापुरी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया था और उनके सोशल मीडिया पोस्ट को आधार बनाकर उन्हें पुलिस ने हिरासत में भी लिया था। बाद में पुलिस ने दारापुरी को लखनऊ में 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मंगलवार को मारे गए प्रदर्शनकारियों के परिजनों से मुलाकात करने मेरठ जा रहे थे, लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक लिया था। पिछले हफ्ते नागरिकता कानून को लेकर मेरठ में विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी और एक पुलिस चौकी को आग लगा दी गई थी।