योगी सरकार पर भड़कीं प्रियंका, कहा- पूरा प्रशासन चिन्मयानंद को गले लगा रहा है
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। इस बार उन्होंने एलएलएम छात्रा के यौन शोषण के आरोप में जेल भेजे गए पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद का मुद्दा उठाया है।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''मात्र एक साल पहले शाहजहांपुर के कई प्रशासनिक अधिकारी चिन्मयानंद की आरती उतारते दिखे। मामला अखबारों में उछला था। बलात्कार पीड़िता द्वारा पूरी आपबीती कहने के बावजूद बलात्कार का मुकदमा दर्ज नहीं हुआ, कैसे होता? जब पूरा महकमा गले लगाकर उनका बचाव कर रहा था।''
इससे पहले प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर पहले भी योगी सरकार पर हमला बोला था। प्रियंका ने कहा था कि प्रदेश सरकार का अपराध पर कोई नियंत्रण नहीं है। प्रियंका ने ट्वीट किया था, "आप उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के दावों और उनकी हकीकत का मिलान करके देखिए। भाजपा सरकार हर रोज राज्य को अपराधमुक्त करने का ढोल पीट रही है, जबकि सच्चाई यह है कि 22 दिनों में 12 गोलीकांड, 4 हत्याएं, और महिलाओं पर अत्याचार. प्रदेश सरकार का अपराध पर कोई काबू नहीं है।"
बता दें कि चिन्मयानंद फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (सी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
रंगदारी मांगने के आरोप में विधि छात्रा गिरफ्तार
गौरतलब कि चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली विधि छात्रा को, उनसे रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने ये जानकारी देते हुए कहा कि ऐसा करने से पहले साक्ष्य एकत्र किये गए और दस्तावेजी बयान लिये गए। फिर कोतवाली थाने में मामला दर्ज करा लड़की को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने लड़की को सात अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
महानिर्वाणी अखाड़े से चिन्मयानंद निष्कासित
वहीं चिन्मयानंद महानिर्वाणी अखाड़े से भी निष्कासित कर दिए गए हैं। महानिर्वाणी अखाड़े ने न सिर्फ उन्हें अपने अखाड़े से निष्कासित कर दिया है, बल्कि उनके अखाड़े से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने पर भी रोक लगा दी है। अखाड़े के इस फैसले के कारण यदि चिन्मयानंद जमानत पर जेल से रिहा भी हो जाते हैं, तब भी वह महानिर्वाणी के किसी भी आयोजन में शामिल नहीं हो सकेंगे। अखाड़े का मानना है कि चिन्मयानंद पर जो गंभीर आरोप लगे हैं और जिस प्रकार से उनका वीडियो सामने आया है, उससे अखाड़े व संत समाज की छवि खराब हुई है।