राहुल गांधी के इस्तीफे पर बोलीं प्रियंका, आपने जो किया, उसकी हिम्मत कम ही लोगों में होती है
अपने रुख पर कायम रहते हुए राहुल गांधी ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से आधिकारिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। गुरुवार सुबह राहुल की बहन और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कहा कि राहुल गांधी ने इस्तीफा देकर हिम्मत दिखाई है, ऐसा करने की क्षमता कुछ ही लोगों में होती है। मैं उनके फैसले का दिल से सम्मान करती हूं। बता दें कि राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
‘मैं अब पार्टी का अध्यक्ष नहीं हूं’
बुधवार को इस्तीफा देते हुए राहुल ने कहा था, मैं अब पार्टी का अध्यक्ष नहीं हूं। राहुल गांधी के ट्विटर अकांउट से भी ‘कांग्रेस अध्यक्ष’ हटा लिया गया है और इसकी जगह 'कांग्रेस सदस्य' लिख दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी मेरी है। उन्होंने कहा, 'पार्टी को नये अध्यक्ष के बारे में देर किए बिना फैसला करना चाहिए। मैं इस प्रक्रिया में कहीं नहीं हूं। मैंने पहले ही अपना इस्तीफा सौंप दिया है और मैं अब पार्टी का अध्यक्ष नहीं हूं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी को जल्द ही बैठक बुलानी चाहिए और इस पर फैसला करना चाहिए।‘ वहीं, कांग्रेस वर्किंग कमेटी द्वारा इस्तीफा स्वीकार करने तक राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे।
चुनाव नतीजों के बाद ही कर दी थी इस्तीफा देने की पेशकश
राहुल गांधी ने 23 मई को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद ही इस्तीफा देने की पेशकश कर दी थी लेकिन पार्टी लगातार उन्हें मनाने में जुटी रही और इस्तीफा वापस लेने की गुहार लगाती रही। हालांकि, राहुल गांधी बिल्कुल भी नहीं माने और बुधवार को ट्विटर पर चार पेज की चिट्ठी लिखते हुए अपने इस्तीफे की बात सार्वजनिक कर दी।
‘पार्टी का नया अध्यक्ष गांधी परिवार से अलग होना चाहिए’
कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के साथ ही राहुल गांधी ने कई ऐलान भी किए। उन्होंने कहा कि पार्टी को जल्द से जल्द अध्यक्ष पद का चुनाव करना चाहिए और उनकी इस प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं होगी। इसके साथ ही राहुल बीते काफी समय से कह रहे हैं कि पार्टी का नया अध्यक्ष गांधी परिवार से अलग होना चाहिए।