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16 October 2016

ब्यूटी पार्लर, पान पराग, मशीनों से दब रही जातीय पहचान : राहुल गांधी

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उदारवादी अर्थव्यवस्था में पेशों के जातीय दीवार तोड़ने के इस दौर में राहुल गांधी की यह चिंता आज उत्तरप्रदेश कांग्रेस के अत्यंत पिछड़े वर्ग के नेताओं के साथ हुई बैठक में सामने आयी। पार्टी मुख्यालय के बंद कमरे में उप्र की तमाम अलग-अलग अत्यंत पिछड़ी जातियों के सौ से अधिक अपने नेताओं से रूबरू होते हुए कई परंपरागत पेशों के जातीय परिधि से बाहर निकलने की बात कही।

राहुल ने कहा 'आपके पेशे और काम से ही आपकी पहचान है। मगर आपके काम पर आक्रमण हो रहा है। जैसे नाई के काम को अब दूसरे लोग ब्यूटी पार्लर व ब्यूटी सैलून के जरिए कब्जा कर रहे हैं। नई-नई टेक्नोलॉजी विश्र्वकर्मा समाज के परंपरागत रोजगार छिन रही है।

चौरसिया समाज ने उन्हें बताया है कि पान के धंधे में इसकी खेती से लेकर इसमें पड़ने वाली सामाग्री के निर्माण में कुछ जातियों परंपरागत तौर पर जुड़ी हैं। मगर पान पराग जैसे उत्पाद चौरसिया समेत इन जातियों के रोजगार छीन रहा है। बुनकर समाज भी संकट में है क्योंकि मशीनें उनका काम कर रही हैं।'

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कांग्रेस उपाध्यक्ष जब अत्यंत पिछड़े वर्ग के अपने नेताओं से इन चिंताओं को लेकर रूबरू हो रहे तो उनके साथ उत्तरप्रदेश के प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर और राजाराम पाल मौजूद थे। परंपरागत पेशे पर दूसरों के धावा बोलने की चिंता से अवगत कराने के साथ ही उन्होंने इन समुदायों को सदियों पुराने पेशे से जुड़ी अपनी पहचान को बचाने के लिए मुखर होने की भी नसीहत दी।

 

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TAGS: कांग्रेस उपाध्‍यक्ष, राहुल गांधी, सैलून, ब्‍यूटी पार्लर, नाई, चौरसिया, congress vice president, rahul Gandhi, beauty parlour, saloon, pan parag, cast
OUTLOOK 16 October, 2016
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