पंजाब को आज मिलेगा पहला दलित मुख्यमंत्री, चरणजीत सिंह चन्नी लेंगे शपथ
पंजाब में कांग्रेस के अंदर लंबे समय तक चली खींचतान और अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद वरिष्ठ दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को रविवार को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना गया और वह सोमवार को राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
वह पंजाब के पहले दलित नेता हैं, जो राज्य का मुख्यमंत्री बनेंगे। 58 वर्षीय चन्नी सोमवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने चन्नी के कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने की जानकारी दी। रावत ने ट्वीट किया, ‘‘ यह घोषणा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है कि चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया।’’
वहीं विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चरणजीत चन्नी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया।
राज्यपाल से मिलने के बाद चन्नी ने संवाददाताओं को बताया कि राज्यपाल ने शपथ ग्रहण के लिए सोमवार सुबह 11 बजे बुलाया है।
चन्नी के मुख्यमंत्री चुने जाने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह, मनीष तिवारी तथा कई अन्य पार्टी नेताओं ने चन्नी को बधाई दी। अमरिंदर सिंह ने उम्मीद जताई कि वह सीमान्त राज्य पंजाब और लोगों की सुरक्षा कर सकेंगे ।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘चरणजीत सिंह चन्नी जी को नयी जिम्मेदारी को लेकर बधाई। हमें पंजाब के लोगों से किये गए वादों को लगातार पूरा करना जारी रखना है। विश्वास ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।’’
बता दें कि इससे पहले सीएम की रेस कई अन्य नामों की अटकलें थी। राज्य के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चलने की चर्चा थी, हालांकि ऐन मौके पर कांग्रेस आलाकमान ने चन्नी के नाम पर मुहर लगाई। सूत्रों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी के नाम की जोरदार पैरवी की और फिर राहुल गांधी ने दिल्ली में सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेताओं के साथ लंबी मंत्रणा के बाद चन्नी के नाम को मंजूरी दी।
चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की। वह शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश में है। प्रदेश में 30 फीसदी से ज्यादा दलित आबादी है।
कांग्रेस का यह कदम इस मायने में अहम है कि भाजपा ने पहले कहा था कि पंजाब में उसकी सरकार बनने पर दलित को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। बसपा के साथ गठबंधन करने वाली शिरोमणि अकाली दल ने दलित उप मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया है। आम आदमी पार्टी भी दलित समुदाय को लुभाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया।