जब नौकरियां ही नहीं, तो आरक्षण का क्या फायदा: नितिन गडकरी
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन और प्रदर्शन को देखते हुए जहां एक ओर महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार समझाने-बुझाने में लगी है वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने औरंगाबाद में कहा कि आरक्षण रोजगार देने की गारंटी नहीं है क्योंकि नौकरियां कम हो रही हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गडकरी ने कहा कि एक ‘‘सोच’’ है जो चाहती है कि नीति निर्माता हर समुदाय के गरीबों पर विचार करें। गडकरी महाराष्ट्र में आरक्षण के लिए मराठों के वर्तमान आंदोलन तथा अन्य समुदायों द्वारा इस तरह की मांग से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मान लीजिए कि आरक्षण दे दिया जाता है। लेकिन नौकरियां नहीं हैं। क्योंकि बैंक में आईटी के कारण नौकरियां कम हुई हैं। सरकारी भर्ती रूकी हुई है। नौकरियां कहां हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक सोच कहती है कि गरीब गरीब होता है, उसकी कोई जाति, पंथ या भाषा नहीं होती। उसका कोई भी धर्म हो, मुस्लिम, हिन्दू या मराठा (जाति), सभी समुदायों में एक धड़ा है जिसके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं है, खाने के लिए भोजन नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक सोच यह कहती है कि हमें हर समुदाय के अति गरीब धड़े पर भी विचार करना चाहिए।’’
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदाय का आंदोलन जारी है। पुणे, नासिक, औरंगाबाद में यह आंदोलन हिंसक भी हुआ कई स्थानों पर आगजनी-तोड़फोड़ भी हुई। कई जगहों से कथित तौर पर युवकों की खुदकुशी की भी खबरें आईं।