राहुल ने आरोग्य सेतु ऐप पर जताई चिंता, प्रियंका ने की पीएम केयर्स फंड की ऑडिट की मांग
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार के कुछ फैसलों पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लीकेशन से डेटा की सुरक्षा और निजता के हनन को लेकर चिंता व्यक्त की है, तो प्रियंका ने पीएम केयर्स फंड की ऑडिट की मांग की है। सरकारी अध्यादेश के मुताबिक पीएम केयर्स फंड की ऑडिटिंग नहीं की जा सकती है। प्रियंका ने ट्विटर पर उत्तर प्रदेश के भदोही के जिलाधिकारी का पत्र भी पोस्ट किया है, जिसमें लोगों से सौ-सौ रुपए लेने की बात कही गई है।
आरोग्य सेतु ऐप एक तरह का अत्याधुनिक सर्विलांस सिस्टम
राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि आरोग्य सेतु ऐप एक तरह का अत्याधुनिक सर्विलांस सिस्टम है, जिसे एक प्राइवेट ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है। उन्होंने लिखा कि टेक्नोलॉजी हमें सुरक्षा दे सकती है लेकिन डर का इस्तेमाल नागरिकों को ट्रैक करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, वह भी उनकी सहमति के बिना। राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी आरोग्य सेतु ऐप पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि कई विशेषज्ञ इस ऐप से निजता के हनन को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
सरकारी-निजी सभी कर्मचारियों के लिए ऐप जरूरी
आरोग्य सेतु ऐप यूजर को यह पता करने में मदद करता है कि उनमें कोविड-19 के इन्फेक्शन का जोखिम है या नहीं। यह लोगों को कोरोना वायरस से बचने के तरीके और संक्रमण के लक्षण की जानकारी भी देता है। शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने जो नए दिशानिर्देश जारी किए उनमें कंटेनमेंट जोन में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य किया गया है। सभी सरकारी और निजी कंपनियों के कर्मचारियों के लिए भी यह ऐप जरूरी किया गया है। निजी कंपनियों में इसके पालन की जिम्मेदारी संस्थान के प्रमुख को दी गई है।
सरकारी महकमा पीएम केयर के लिए सौ-सौ रुपए वसूल रहा
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम केयर्स फंड की ऑडिट की मांग की है। उनका कहना है कि पारदर्शिता सरकार के साथ-साथ लोगों के लिए भी अच्छी होगी। केंद्र सरकार ने कोविड-19 के लिए 28 मार्च को पीएम के फंड बनाया था। प्रियंका ने ट्विटर पर लिखा, “जब जनता त्राहिमाम कर रही है, राशन, पानी, नकदी की किल्लत है, और सरकारी महकमा सबसे सौ-सौ रुपए पीएम केयर के लिए वसूल रहा है, तब हर नजरिए से उचित रहेगा कि पीएम केयर की सरकारी ऑडिट भी हो। देश से भाग चुके बैंक चोरों के 68,000 करोड़ माफ हुए, उसका हिसाब होना चाहिए। संकट के समय जनता के सामने पारदर्शिता महत्वपूर्ण है। इसमें जनता और सरकार दोनों की भलाई है।”