राहुल गांधी ने भारतीय परीक्षा प्रणाली को बताया ‘फ्रॉड’, शिक्षा मंत्री ने किया पलटवार
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ में कथित अनियमितता के विषय को लेकर सोमवार को सदन में सरकार पर प्रहार किया और दावा किया कि देश के करोड़ों छात्रों एवं देशवासियों को ‘‘इस बात का यकीन हो गया है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक ‘फ्रॉड’ (धोखे वाली) है तथा जिसके पास पैसा है वह इस पूरी प्रणाली को खरीद सकता है’’।
इस पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार किया और सवाल किया कि क्या 2010 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने शिक्षा में सुधार से जुड़ा विधेयक निजी मेडिकल कॉलेजों के दबाव में वापस ले लिया था?
लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा, 'ये देश के लिए जानना जरूरी है कि हमारी परीक्षा सिस्टम में दिक्कत है नीट ही नहीं सबक जगह ये समस्या है। मुझे नहीं लगता कि शिक्षा मंत्री कुछ समझ पा रहे हैं। अभी जो रहा है उससे देश चिंतित है, भारतीय परीक्षा सिस्टम फ्रॉड है। लाखों लोगों का मानना है कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है तो आप इंडियन एग्जामिनेशन सिस्टम को खरीद सकते हैं। आप क्या कर रहे हैं, सिस्टेमिक लेवल पर क्या कर रहे हैं।'
राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'मेरी शिक्षा और संस्कार और जो सामाजिक जीवन है मेरे को राज्य की सूबे की जनता की स्वीकृति मिली है, मुझे किसी की स्वीकृति इस सदन में नहीं चाहिए। देश के प्रजातंत्र में मेरे नेता मोदी को पीएम की भूमिका दी है, उनके निर्णय से यहां सदन से उत्तर दे रहा हूं। चिल्लाने से सच झूठ नहीं हो सकता है, देश का पूरा परीक्षा सिस्टम खराब है,रबीश है... इससे दुर्भाग्यजनक बयान देश के नेता प्रतिपक्ष का कुछ नहीं हो सकता है, मैं इसकी निंदा करता हूं। जिन्होंने रिमोट से सरकारें चलाई हैं, शिक्षा सुधार के लिए कपिल सिब्बल ने तीन बिल लाए थे।'