Advertisement
06 May 2019

राम माधव की आशंका सच निकली तो क्या मोदी इनके सहारे बनाएंगे सरकार

File Photo

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने आज वह बात कही, जिसकी अटकलें तमाम राजनीतिक विश्लेषक पिछले लंबे समय से लगा रहे हैं। असल में राम माधव ने इस बात की संभावना जताई है कि लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को अन्य सहयोगियों की जरूरत पड़ सकती है। ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भाजपा बहुमत से पीछे रह सकती है और उन्होंने माना कि हो सकता है 2014 जैसी स्थिति इस बार ना हो। हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को पूर्ण बहुमत मिलेगा।

राम माधव के ऐसा कहने के पीछे माना जा रहा है कि उत्तर भारत के राज्यों में भाजपा को झटका लग सकता है। राम माधव का आकलन है कि पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल में भाजपा को फायदा होगा। ऐसे में अपने मौजूदा सहयोगियों के अलावा भाजपा को अन्य सहयोगी पार्टियों की जरूरत होगी।

पीएम मोदी ने दिखाई थी एनडीए की एकजुटता

Advertisement

सहयोगी दलों की जरूरत के अंदेशे के चलते ही पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में नामांकन के दौरान एनडीए के मौजूदा कुनबे को जुटाया और एकजुटता का संदेश दिया। उनके नामांकन के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (जेडीयू), पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (अकाली दल), मेघालय के मुख्यमंत्री सीके संगमा (नेशनल पीपल्स पार्टी), नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी), तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम (एआईएडीएमके), उद्धव ठाकरे (शिवसेना), अनुप्रिया पटेल (अपना दल) और रामविलास पासवान (लोजपा) समेत एनडीए के सभी प्रमुख नेता मौजूद रहे।

बीजेडी, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस की जरूरत?

कयास लग रहे हैं कि अगर भाजपा की सीटें कम होती हैं तो उसे बीजू जनता दल (बीजेडी), टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस की जरूरत पड़ सकती है। इन पार्टियों ने भी एनडीए को लेकर सकारात्मक संकेत ही दिए हैं। ओडिशा में नवीन पटनायक की बीजेडी एनडीए के साथ आ सकती है। ओडिशा में आए फैनी चक्रवात के बाद पीएम मोदी का तुरंत दौरा और नवीन पटनायक की तारीफ इस बात की ओर इशारा करते हैं।

दक्षिण में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के एनडीए से अलग होने के बाद इसे झटका माना जा रहा था लेकिन भाजपा ने तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी एआईएडीएमके से हाथ मिला लिया। इसके अलावा दक्षिण की अन्य पार्टियों में वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी ने भाजपा को समर्थन देने की बात कही थी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि एनडीए जगनमोहन रेड्डी को कई केस में बचा रही है। वहीं, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव (केसीआर) भाजपा को समर्थन दे सकते हैं। पिछले दिनों कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में टीआरएस ने एनडीए का साथ दिया था, जिससे इस बात को और बल मिला।

राजनीति में कुछ भी संभव 

राजनीति अनिश्चितता का खेल है और यहां सब कुछ मुमकिन हो सकता है। आज भाजपा की धुर विरोधी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस कभी एनडीए की सहयोगी थी। यही बात मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर लागू होती है। पिछले दिनों पार्टी से नाराज चल रही शिवसेना भी महाराष्ट्र में सीट बंटवारे के बाद पटरी पर आ गई। अनुप्रिया पटेल के अपना दल में असंतोष के स्वर उभरे तो भाजपा ने उन्हें भी एड्रेस किया। टीडीपी को छोड़कर कोई बड़ा दल मोदी सरकार के दौरान एनडीए से अलग नहीं हुआ। नीतीश कुमार ने शुरू में तेवर दिखाकर खुद को गठबंधन से अलग कर लिया था लेकिन बिहार में वह राजद से नाता तोड़कर एनडीए के पाले में फिर आ गए। अभी नतीजों का इंतजार है लेकिन राम माधव की आशंका अगर सच साबित होती है तो निश्चित तौर पर भाजपा को अपने कुनबे को मजबूत करने की जरूरत पड़ेगी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Ram Madhav, BJP, lok sabha elections, bjd, trs, ysr congress, lok sabha elections
OUTLOOK 06 May, 2019
Advertisement