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31 August 2019

बीजेपी ने दिल्ली में भी की NRC की मांग तो कांग्रेस ने की ट्रिब्यूनल के गठन की समीक्षा की अपील

असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की फाइनल लिस्ट जारी होने के बाद तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां भाजपा के नेता मनोज तिवारी ने दिल्ली में भी एनआरसी लागू करने की बात कही है तो वहीं कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने कहा कि राष्ट्र और विदेशी लोगों से नफरत के बीच अंतर समझना जरूरी है। असम कांग्रेस सांसद अब्दुल खालेक ने कहा कि वह इस लिस्ट से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं। 

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सरकार का नाम लिए बिना एनआरसी के मुद्दे का उठाया है। थरूर ने कहा कि रबींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि राष्ट्रवाद और विदेशी लोगों को न पसंद करने में अंतर होता है। वहीं विदेश लोगों से नफरत धीरे-धीरे भारतीयों से नफरत में बदल जाती है।

दिल्ली में भी एनआरसी की आवश्यकता

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इससे पहले भाजपा दिल्ली के प्रमुख मनोज तिवारी ने राष्ट्रीय राजधानी में भी एनआरसी लागू किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर तैयार करने की जरूरत है क्योंकि स्थिति खतरनाक होती जा रही है। अवैध अप्रवासी जो यहां बस गए हैं, वे सबसे खतरनाक हैं, हम यहां भी एनआरसी को लागू करेंगे।

पूरी तरह से संतुष्ट नहीं

असम कांग्रेस सांसद अब्दुल खालेक ने कहा 'मैं एनआरसी राज्य समन्वयक और सुप्रीम कोर्ट को अंतिम सूची प्रकाशित करने के लिए बधाई देता हूं। हालांकि, मैं पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि वास्तविक भारतीय नागरिकों के कई नाम इसमें शामिल नहीं हो सका है। मैं सरकार से विदेशी ट्रिब्यूनल के गठन की समीक्षा करने की अपील करता हूं।'

आज जारी की गई एनआरसी की लिस्ट

शशि थरूर ने यह बात ऐसे समय कही है जब असम में एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी की गई है। असम की राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गई, जिसमें से लगभग 19 लाख लोगों का नाम सूची में शामिल नहीं है। अंतिम सूची से 19,06,677 लोगों नाम बाहर। वहीं, लिस्ट में 3,11,21,004 लोगों को भारतीय नागरिक बताया गया है।

एनआरसी की लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस की बैठक

वहीं, असम में एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर बैठक चल रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी। लिहाजा बैठक में इसी को लेकर रणनीति भी बनाई जा सकती है। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और गौरव गोगोई भी शामिल हैं।

लिस्ट बाहर होने वाले लोगों के अब ये विकल्प

जिन 19 लाख लोगों को एनआरसी लिस्ट में जगह नहीं मिली है, उनके लिए अब भी मौका है। इन लोगों को फॉरनर्स ट्रिब्यूलन में 120 दिनों में अपील करनी पड़ेगी। असम सरकार राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची से निकाले गए लोगों से संबंधित मामले देखने के लिए 400 फॉरनर्स ट्रिब्यूनल्स स्थापित करेगी।

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TAGS: Reactions, Assam NRC Final list, Manoj Tiwari, Shashi tharoor, Assam Congress MP Abdul Khaleque
OUTLOOK 31 August, 2019
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