राहुल गांधी बन सकते हैं फिर से कांग्रेस के अध्यक्ष, बोले- किसी भी जिम्मेदारी के लिए तैयार
पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर पर शनिवार को हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक में सबने राहुल गांधी के नेतृत्व को जरूरी बताया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह पार्टी द्वारा दी गई कोई भी जिम्मेदारी को उठाने के लिए तैयार है। बैठक में वे नेता भी थे जिन्होंने इस साल जुलाई में सोनिया गांधी को विवादास्पद पत्र लिखकर पार्टी के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए थे और सुधार की बात की थी।
सोनिया और उनके बेटे राहुल दोनों ने इस विचार का समर्थन किया कि पार्टी को मजबूत करने के उपाय किए जाने हैं। सोनिया ने कहा कि पार्टी पैनल पहले से ही कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए कार्यक्रम को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। सुधार की मांग करने वालों सहित नेताओं ने राहुल से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया ताकि नेतृत्व के मुद्दे पर सस्पेंस खत्म हो। राहुल ने कोई आश्वासन नहीं दिया लेकिन उन्होंने कहा कि वह पार्टी द्वारा उन्हें दी गई किसी भी जिम्मेदारी को लेने के लिए तैयार हैं।
बैठक में मौजूद सभी नेताओं से सोनिया गांधी ने संगठनात्मक मामलों पर अपने विचार रखने को कहा। 10 जनपथ पर यह पहली बैठक थी, (अगस्त में हुई वर्चुअल मीटिंग को छोड़कर) सोनिया ने अपनी पार्टी के सुधार-समर्थक नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की।
पार्टी महासचिव और अंतरिम कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने कहा, “सोनिया गांधी ने कांग्रेस को परिवार की तरह बताते हुए कहा कि एक परिवार की तरह हम मिल कर काम करेंगे। बैठक को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी संबोधित किया। मौजूद सभी नेताओं ने खुल कर अपनी बात रखी। सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ने कहा कि पार्टी एक बड़ा परिवार है और सभी की इसे मजबूत करने की दिशा में एक जिम्मेदारी है।”
पत्र लिखने वालों में शामिल पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, “यह पहली बैठक थी और इस तरह की कई और चर्चाएँ होंगी। आज हुई चर्चाओं से हम संतुष्ट हैं और हमने अपने विचार सामने रखे हैं। हमें राष्ट्रीय हित और कांग्रेस पार्टी के हित में मिलकर काम करना होगा।
बैठक में पत्र लिखने वाले पार्टी के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद, भूपिंदर हुड्डा, आनंद शर्मा, शशि थरूर और मनीष तिवारी शामिल थे। अंतरिम कांग्रेस प्रमुख ने बैठक में पार्टी के वफादार एके एंटनी, अंबिका सोनी, अशोक गहलोत, राहुल गांधी के विश्वासपात्र और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, हरीश रावत और पवन बंसल को भी बुलाया था। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी बैठक में जिन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए थे लेकिन हाल के जो इस पत्र के हाल ही में बिहार विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर सवाल उठाए थे। पूर्व सांसद मुख्यमंत्री कमलनाथ, जिन्होंने सोनिया और 23 हस्ताक्षरकर्ताओं के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई और 10 जनपथ में आज की बैठक में मौजूद थे।