नोटबंदी के बाद अमीरों को नकदी मिल रही, गरीब कतार में खड़े हैं : राहुल
राहुल ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, मैं सुबह खुद हालात देखने के लिए बैंकों तक गया था। वहां लोगों ने मुझे बताया कि उन्हें बहुत असुविधा हो रही हैै। नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी दलों के विरोध के कारण सोमवार को दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। राहुल ने कहा कि लोग आरोप लगा रहे हैं कि कुछ चुनिंदा लोगों के लिए बैंकों में पिछले दरवाजों से नकदी निकाली जा रही है जबकि आम आदमी घंटों लंबी कतारों में खड़ा है।
उन्होंने कहा, लोगों ने कहा कि वे कतारों में खड़े हैं और सौदेबाजी हो रही है तथा पिछले दरवाजे से नकदी निकाली जा रही है। कुछ चुनिंदा लोगों को नकदी दी जा रही है। अमीरों को नकदी मिल रही है और गरीबों को कतारों में खड़ा किया जा रहा है। राहुल के मुताबिक, लोग तीन दिन तक कतार में खड़े रहेंगे और फिर बिना नकदी के चले जाएंगे। राहुल ने सुबह शहर के कई एटीएम का दौरा किया और लोगों से उनकी दिक्कतों के बारे में पूछा।
जब पूछा गया कि विपक्ष चर्चा के लिए तैयार क्यों नहीं है, इस पर उन्होंने कहा, हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं। संसद में प्रधानमंत्राी के मौजूद नहीं रहने के सवाल पर राहुल ने कहा, प्रधानमंत्री को संसद आने की क्या जरूरत है? इन दिनों वह अलग स्तर पर हैं। ना तो वह अपने मंत्रियों से बातचीत करते हैं और ना ही किसी अन्य से बात करते हैं। जो उन्हें लगता है, खुद से फैसला कर लेते हैं।
उन्होंने कहा, देश के इतिहास में इतना बड़ा आर्थिक फैसला लिया गया और उन्होंने तीन-चार लोगों से बात करने के बाद यह किया। कोई योजना नहीं थी। किसानों-गरीबों का क्या होगा। केरल और बंगाल में मछलीपालन कारोबार का क्या होगा। उन्होंने इन लोगों के बारे में नहीं सोचा।
मोदी पर हमला बोलते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, इन दिनों वह नये रूप में हैं। आप उन्हें सुपर पीएम भी नहीं बोल सकते। उन्हें परिभाषित करने के लिए सोचना होगा। उन्हें परिभाषित करने के लिए कोई नया शब्द गढ़ना होगा। राहुल ने कानपुर के पास हुई ट्रेन दुर्घटना में लोगों की मौत पर शोक-संवेदना भी प्रकट की और कहा कि प्रधानमंत्री को बुलेट ट्रेन लाने के बजाय ट्रेनों में आम जनता के लिए सुविधा और सुरक्षा बढ़ाने पर पहला ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, भारतीय रेलवे के ढांचे को दुरस्त करने की जरूरत है। मोदीजी ने एक लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ बुलेट ट्रेन की बात की। गलत जगह ध्यान है। ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि आम जनता के लिए ट्रेनों में सफर करना कैसे सुरक्षित हो। भाषा एजेंसी