सिंधिया पर बोले राहुल गांधी- राजनीतिक भविष्य के लिए विचारधारा को छोड़ा, जल्द होगा अहसास
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि वे अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित थे, इसलिए अपनी विचारधारा को त्याग कर आरएसएस के साथ चले गए। वास्तविकता यह है कि उन्हें वहां (भाजपा) सम्मान नहीं मिलेगा और जल्द ही इसका अहसास होगा।
राहुल गांधी ने कहा कि यह विचारधारा की लड़ाई है, एक तरफ कांग्रेस और दूसरी तरफ भाजपा-आरएसएस है। मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया की विचारधारा को जानता हूं, वह कॉलेज में मेरे साथ थे, मैं उन्हें अच्छी तरह से जानता हूं। वह अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में चिंतित थे और वह आरएसएस के साथ चले गए। जल्द ही उन्हें इसका एहसास होगा, मुझे पता है क्योंकि मैं उनके साथ लंबे समय से दोस्त हूं। उसके दिल में कुछ और है और जुबान पर कुछ ओर है।
'राज्यसभा प्रत्याशियों का फैसला नहीं ले रहा हूं'
राहुल गांधी से यह पूछे जाने पर कि वह अपनी मुख्य टीम के सदस्यों को राज्यसभा क्यों नहीं भेज रहे हैं, इस पर उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हूं, मैं राज्यसभा प्रत्याशियों पर निर्णय नहीं ले रहा हूं। मैं देश के युवाओं को अर्थव्यवस्था के बारे में बता रहा हूं। मेरी टीम में कौन है, मेरी टीम में कौन नहीं है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
'आर्थिक हालत जगजाहिर हैं'
इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश के आर्थिक हालत को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति को हर कोई देख सकता है। भारत की ताकत उसकी अर्थव्यवस्था थी, नरेंद्र मोदी की विचारधारा और नीतियों ने इसे नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की समस्या बहुत गंभीर है लेकिन सरकार ने उस तरह से कार्रवाई नहीं की है जैसी होनी चाहिए थी।