भारत-पाकिस्तान विभाजन से भी भयंकर है 288 सीटों का बंटवारा: शिवसेना
महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीटों के बंटवारे को लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच कशमकश चल रही है। राज्य में विधानसभा की 288 सीटें हैं और माना जा रहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर आज बड़ी घोषणा की जा सकती है। इस बीच शिवसेना के तेवर कठोर नजर आ रहे हैं। पार्टी ने सीट बंटवारे के मसले की तुलना भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से की है।
शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, 'इतना बड़ा महाराष्ट्र है, ये जो 288 सीटों का बंटवारा है ये भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से भी भयंकर है। यदि हम सरकार में रहने के बजाए विपक्ष में बैठे होते तो आज तस्वीर कुछ और होती। सीटों के मुद्दे पर हम जो भी फैसला करेंगे, उसके बारे में आपको जानकारी दे दी जाएगी।'
‘... तो फिर भाजपा के साथ टूट सकता है गठबंधन’
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह गुरुवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि यदि पार्टी को 144 सीटें नहीं दी गईं तो फिर भाजपा के साथ गठबंधन टूट सकता है। राउत का यह बयान शिवसेना नेता और राज्य सरकार में मंत्री दिवाकर राउत के बयान के समर्थन में आया है।
दिवाकर ने कहा था कि अगर शिवसेना को 144 सीटें नहीं मिलतीं तो गठबंधन नहीं होगा। संजय राउत ने कहा, ‘अमित शाह और मुख्यमंत्री के सामने 50-50% सीटों के बंटवारे के फॉर्मूला पर फैसला किया गया था, मंत्री दिवाकर राउत का बयान गलत नहीं है। हम चुनाव साथ लड़ेंगे, क्यों नहीं लड़ेंगे।’
भाजपा 120 सीट देना चाहती है
सूत्रों के मुताबिक भाजपा, शिवसेना को राज्य में 120 से ज्यादा सीट नहीं देना चाहती है। राज्य में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें 44 सीटें अन्य सहयोगी दलों के लिए छोड़ दी गईं। यानी कुल 244 सीटों में ही भाजपा और शिवसेना के बीच बंटवारा होना है। इसमें शिवसेना 144 सीटों की मांग पर अड़ी है।
2014 में गठबंधन अंतिम समय में टूटा था
2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी अंतिम समय में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन टूट गया था। दोनों पार्टियां ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था लेकिन चुनाव के बाद दोनों ने मिलकर सरकार बनाई थी। वहीं, इस बार कांग्रेस ने राकांपा के साथ गठबंधन किया है। राकांपा प्रमुख शरद पवार 125-125 सीटों के बंटवारे की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में शिवसेना और भाजपा के भी गठबंधन के साथ ही चुनाव मैदान में उतरने की पूरी संभावना है।