थरूर ने अमित शाह को पत्र लिखकर की खास अपील, 'वायनाड भूस्खलन' को गंभीर प्रकृतिक आपदा घोषित करने को कहा
केरल के वायनाड में भूस्खलन से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। भूस्खलन से अब तक 264 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी 180 से ज्यादा लोग लापता है। इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर खास अपील की है।
दरअसल, थरूर ने वायनाड भूस्खलन को संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) के दिशा-निर्देशों के तहत "गंभीर प्रकृति की आपदा" घोषित करने की मांग की, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में सांसदों से तत्काल सहायता मिल सके।
तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गृह मंत्री अमित शाह से वायनाड में हुए भूस्खलन को संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास प्रभाग (एमपीएलएडीएस) के दिशा निर्देशों के तहत ‘‘गंभीर प्रकृति की आपदा’’ घोषित करने का अनुरोध किया है ताकि प्रभावित इलाकों को सांसदों की ओर से तत्काल सहायता मुहैया करायी जा सके।
शाह को लिखे पत्र में थरूर ने कहा कि 30 जुलाई को केरल के वायनाड जिले में कई विनाशकारी भूस्खलन हुए जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गयी और कई घायलों का अस्पतालों में उपचार हो रहा है जबकि असंख्य अन्य लोग लापता हैं तथा मलबे में दबे हुए हैं।
बता दें कि 30 जुलाई की सुबह वायनाड में मुंडक्कई और चूरलमाला में दो बड़े भूस्खलन हुए, जिससे तबाही मच गई। बचाव अभियान तेज किए जा रहे हैं और क्षेत्र के लिए वित्तीय सहायता जुटाई जा रही है। भूस्खलन के बाद से सैकड़ों लोग मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। अकल्पनीय अनुपात की इस आपदा ने मौत और विनाश की एक दर्दनाक कहानी छोड़ दी है। सशस्त्र बलों, तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य एजेंसियों से जुड़े लोग बचाव अभियान के जरिए अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
मौतों की बढ़ती संख्या के बीच, भारतीय सेना ने भूस्खलन के बाद फंसे लोगों को बचाने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। भारतीय सेना मुंडक्कई और चूरलमाला के गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों को जोड़ने और बचाव कार्यों को गति देने के लिए 190 फीट लंबा बेली ब्रिज बना रही है।