‘सामना’ के जरिए शिवसेना का बीजेपी पर तंज, मुख्यमंत्री बदलने पर कहा- 'मोदी है तो मुमकिन है'
भाजपा को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में भाजपा को लेकर तंज कसा है। सामना में छपे लेख में कहा गया है कि जेपी नड्डा को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से पार्टी में लगातार बदलाव हो रहे हैं। सामना में लिखे संपादकीय का शीर्षक है, 'गुजरात का झटका और खौफ…मोदी है तो मुमकिन है!'
इस संपादकीय में लिखा गया है, 'भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर डॉ. नड्डा के आने के बाद से पार्टी में लगातार बदलाव हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मन में जो है, वह नड्डा के जरिए करवाया जा रहा है। नड्डा के ही जरिए उत्तराखंड व कर्नाटक के मुख्यमंत्री बदले गए। गुजरात के मुख्यमंत्री भी एक झटके में बदल दिए गए। वहां तो पूरा मंत्रिमंडल का नवीनीकरण कर दिया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पहली बार ही विधायक बनने वाले नेता हैं, परंतु अब मोदी-नड्डा ने ऐसा झटका दिया है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। रूपाणी के मंत्रिमंडल में शामिल सभी मंत्रियों को मोदी व नड्डा ने घर बैठा दिया है।'
प्रधानमंत्री मोदी को लेकर सामना ने लिखा कि मोदी है तो मुमकिन है। लेख में कहा गया है, 'विधानसभा चुनाव में इस असंतोष का झटका लगेगा और गुजरात में भाजपा की फजीहत होगी इसका अनुमान लगने पर ही पहले रूपाणी को उनके पूरे मंत्रिमंडल के साथ घर भेज दिया, परंतु नेतृत्व को पूरी तरह बदलते समय पाटीदार समाज के नेता नितिन पटेल को भी हटा दिया। नए मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री पटेल के साथ 14 मंत्री पाटीदार समाज व ओबीसी समाज के हैं। यह साहस का काम होगा, फिर भी अपनी पार्टी में ऐसा साहसी कदम मोदी ही उठा सकते हैं। मोदी अब 70 साल के हो गए हैं। इसलिए उनके कदम अधिक दमदार ढंग से बढ़ रहे हैं और रास्ते के कांटे वे खुद ही साफ कर रहे हैं।'
इस लेख में गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा गया है। लेख में कहा गया है, ' बंगाल में तो अमित शाह ने जान की बाजी लगा दी थी। केरल में ई. श्रीधरन जैसे मोहरे को काम पर लगाया था। अमित शाह कोई भी चमत्कार कर सकते हैं, इस तरह से प्रचार मुहिम चलाई गई। परंतु अमित शाह के दौर में महाराष्ट्र में 25 साल पुरानी भाजपा-शिवसेना युति खंडित हो गई व अब तो भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ रहा है। बंगाल में भी नाश हो गया। जे.पी. नड्डा के जरिए नरेंद्र मोदी ने मरम्मत का काम शुरू किया होगा, जो कि इसी वजह से। मोदी ही भाजपा का वास्तविक चेहरा हैं और बाकी सब फटे हुए मुखौटे हैं। मोदी का चेहरा नहीं होगा तो भाजपा के वर्तमान कई नाचने वाले मुखौटे नगरपालिका के चुनाव में भी पराजित हो जाएंगे।' मोदी को अपनी इस ताकत की जानकारी होने के कारण उन्होंने 2024 की तैयारी के लिए साहसी कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।