महाराष्ट्र में ‘दंगों की प्रयोगशाला’ खोलने की कोशिश कर रही है भाजपा: शिवसेना (उद्धव)
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के अंदेशों के बीच बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि वह महाराष्ट्र में सामाजिक शांति भंग करने और मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिए ''दंगों की प्रयोगशाला'' स्थापित करने का प्रयत्न कर रही है।
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में पिछले साल शिवसेना में विभाजन का जिक्र किया गया, जिसके बाद भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे सीएम बने। इसमें कहा गया, "हो सकता है कि वे समाज को विभाजित करके चुनाव लड़ना चाहते हों, जैसे उन्होंने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए "शिवसेना को तोड़ दिया"।
उल्लेखनीय है कि मराठी प्रकाशन ने राज्य के लोगों से सतर्क रहने का अनुरोध किया क्योंकि वे उन लोगों से घिरे हुए हैं जो संविधान, राष्ट्रीय एकता और धार्मिक सह-अस्तित्व को दरकिनार कर सत्ता की लालसा रखते हैं। बता दें कि 16 विधायकों की अयोग्यता को लेकर जल्द निर्णय लेने का आग्रह उद्धव गुट निरंतर कर रहा है। इसी बीच महाराष्ट्र में शनिवार और रविवार को क्रमश: अकोला शहर और अहमदनगर जिले के शेवगांव गांव में सांप्रदायिक झड़पें हुईं।
इन झड़पों में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 13 अन्य घायल हो गए। इसके अलावा एक अन्य घटना में, एक अलग धर्म के सदस्यों ने कथित तौर पर नासिक जिले के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश की, जिसके बाद राज्य सरकार ने इसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।
"सामना" के संपादकीय में "एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस गठबंधन के सत्ता में आने से धार्मिक और सामाजिक तनाव पैदा होने" का दावा किया गया और आरोप लगाया, ''महाराष्ट्र में भाजपा और उसके समर्थकों द्वारा दंगों की प्रयोगशाला बनाकर सामाजिक शांति भंग करने, मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का काम किया जा रहा है।"
इसमें कहा गया कि अकोला, शेवगांव और नासिक में हाल की घटनाएं चिंता का कारण हैं। यह व्यवस्थित और योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। साथ ही यह भी कहा गया कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के यह कहने के बावजूद कि वह मास्टरमाइंड का पर्दाफाश करेंगे, कुछ भी नहीं हुआ है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पिछले साल उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने के बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।