मध्यप्रदेशः कंप्यूटर बाबा ने राज्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, राज्य सरकार को बताया धर्मविरोधी
मध्य प्रदेश में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त कम्प्यूटर बाबा ने मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। कम्प्यूटर बाबा ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार संत समाज की उपेक्षा कर रही है और मेरी भी नहीं सुन रही है। सरकार धर्म का कुछ काम करना ही नहीं चाहती है।
अब कम्पूयटर बाबा नर्मदा बचाओ अभियान की फिर से शुरुआत करेंगे। करीब छह महीने पहले ही प्रदेश सरकार ने कम्पयूटर बाबा को राज्यमंत्री बनाया था। इससे पहले कम्प्यूटर बाबा ने सरकार से मांग की थी कि प्रदेश में एक नर्मदा मंत्रालय भी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी अच्छी स्थिति में नहीं है, इसके लिए एक मंत्रालय की भी जरूरत है और कई अन्य मंत्रालयों को स्थापित करना होगा। जितना सुख सुविधा गौमाता के लिए चाहिए उतना ही नर्मदा के लिए भी चाहिए।
कम्पयूटर बाबा ने कहा कि सरकार ने गायों के लिए क्या किया। प्रदेश में गाये मर रही हैं, सरकार कुछ नहीं कर रही है। सरकार भविष्य में गायों के लिए क्या करेगी ये बात मायने नहीं रखती। मुख्यमंत्री ये बताएं कि अभी तक उन्होंने गायों के लिए क्या किया। मुख्यमंत्री से कई बार नर्मदा में अवैध उत्खनन रोकने के बारे में भी कहा पर उनकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
धूनी रमाकर बैठने पर आए थे चर्चा में
कंप्यूटर बाबा उन पांच बाबाओं में शामिल हैं जिन्हें शिवराज सरकार ने राज्यमंत्री के दर्जे से नवाजा था। इससे पहले कंप्यूटर बाबा तब चर्चा में आए थे जब वे राजधानी भोपाल पहुंचे और सरकारी गेस्ट हाउस की छत पर धूनी रमाकर बैठे थे।