सिद्धू ने दिखाई ताकत: 60 से ज्यादा विधायकों-मंत्रियों के साथ स्वर्ण मंदिर पहुंचे, अब क्या करेंगे कैप्टन?
पंजाब कांग्रेस में अब भी घमासान जारी है। इस बीच पार्टी के नवनियुक्त पंजाब प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को अमृतसर में पहली बैठक बुलाई। सिद्धू के स्टाफ के मुताबिक, 62 विधायक सिद्धू के घर पहुंचे। वहीं इन विधायकों और मंत्रियों के साथ सिद्धू स्वर्ण मंदिर भी गए।
वहीं इससे पहले सिद्धू मंगलवार को लगातार चौथे दिन प्रदेश के मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के साथ मेल-मिलाप की अपनी मुहिम में जुड़े रहे। इसका ही प्रभाव है कि सोमवार को कैप्टन के आवास पर उन्हें समर्थन देने पहुंचे विधायक राजकुमार वेरका मंगलवार को अमृतसर में सिद्धू के साथ नजर आए। लिहाजा अब माना जा रहा है कि कैप्टन के खेमे में समर्थकों की गिनती घट रही है। प्रदेश के ज्यादातर मंत्री और विधायक अब सिद्धू की नियुक्ति पर आलाकमान के निर्णय को सही ठहरा रहे हैं। हालांकि, अभी भी पार्टी के कई दिग्गज नेता खामोश हैं। सिद्धू की नियुक्ति पर उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बता दें कि बीते 4 दिनों में सिद्धू के उत्साह और कैप्टन की चुप्पी ने स्पष्ट कर दिया है कि पंजाब में कांग्रेस दोफाड़ हो चुकी है। ऐसे में सिद्धू पूरी पार्टी को अपनी ओर करने में एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि कैप्टन माफी वाली शर्त पूरी होने तक किसी भी कीमत पर आलाकमान के निर्णय को मानने को तैयार नहीं दिख रहे। लेकिन कैप्टन के प्रति नवजोत सिद्धू के रवैये में भी कोई बदलाव नहीं आया है। सिद्धू अभी तक न तो कैप्टन से मिले और न ही किसी अवसर पर उन्होंने कैप्टन की चर्चा की है। अब कैप्टन की चुप्पी को लेकर राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं, क्योंकि पंजाब में कांग्रेस सरकार की बागडोर और विधायक दल की कमान उनके ही हाथ में है।
इससे पहले मंगलवार को सिद्धू के सबसे करीबी रहे विधायक परगट सिंह ने बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि सिद्धू को माफी मांगने की आवश्यकता नहीं है। कैप्टन को ही वादे पूरे न करने के लिए पंजाब की जनता से माफी मांगनी चाहिए। हालांकि माफी को लेकर नवजोत सिद्धू की ओर से अभी कोई टिप्पणी नहीं आई है।