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07 July 2025

कांग्रेस के लिए सिख समुदाय एक खिलौना, इंदिरा गांधी ने ही कराया था स्वर्ण मंदिर पर हमला: भाजपा सांसद का दावा

भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर ब्रिटेन के सहयोग से अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर पर हमला करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस पार्टी ने राजनीतिक लाभ के लिए सिख समुदाय का इस्तेमाल किया है।

एक्स पर एक पोस्ट में दुबे ने तत्कालीन विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय के निजी सचिव ब्रायन फॉल द्वारा तत्कालीन गृह सचिव ह्यूग टेलर को लिखा गया एक पत्र साझा किया। 

उन्होंने इसका इस्तेमाल अपने इस दावे के समर्थन में किया कि 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के समय अमृतसर में ब्रिटिश सेना के अधिकारी मौजूद थे।

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दुबे ने लिखा, "1984 में इंदिरा गांधी ने ब्रिटेन के साथ मिलकर स्वर्ण मंदिर पर हमला करवाया था। उस समय अमृतसर में ब्रिटिश सेना के अधिकारी मौजूद थे। कांग्रेस के लिए सिख समुदाय महज एक खिलौना है।"

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 1960 में सरदार स्वर्ण सिंह द्वारा हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत करतारपुर साहिब को पाकिस्तान को सौंप दिया गया था।

भाजपा सांसद ने लिखा, "1. सरदार स्वर्ण सिंह द्वारा किए गए समझौते के तहत 1960 में अंततः पाकिस्तान को करतारपुर साहिब दिया गया।"

दुबे ने यह भी दावा किया कि 1984 की घटनाओं को छिपाने और सिख विरोधी दंगों में शामिल होने के आरोपी कांग्रेस नेताओं को बचाने के लिए प्रमुख सिख नेताओं को उच्च पदों पर पदोन्नत किया गया।

उन्होंने लिखा, "2. 1984 में स्वर्ण मंदिर पर हमले और निर्दोष श्रद्धालुओं की हत्या के दौरान ज्ञानी जैल सिंह को राष्ट्रपति बनाया गया था। 3. 1984 के सिख नरसंहार को छिपाने और वरिष्ठ नेताओं एच.के.एल. भगत, जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार को बचाने के लिए 2004 में मनमोहन सिंह को कठपुतली प्रधानमंत्री बनाया गया था। देश को बेचने और विदेशियों के सामने आत्मसमर्पण करने की कहानी जारी है।"

ये टिप्पणियां दुबे की रविवार की पूर्व पोस्ट के एक दिन बाद आई हैं, जिसमें उन्होंने कांग्रेस सरकार पर 1960 में सिंधु नदी के पानी का 80 प्रतिशत हिस्सा और करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान को देने का आरोप लगाया था।

दुबे ने लिखा, "क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान के खून के बदले हमने 1960 में सिंधु जल संधि में अपना 80 प्रतिशत पानी दे दिया था और उसी 1960 में 11 जनवरी 1960 को सरदार स्वर्ण सिंह जी और पाकिस्तान के गृह मंत्री केएम शेख के बीच एक और समझौता हुआ था?"

उन्होंने समझौते की वैधता पर सवाल उठाया और तत्कालीन नेतृत्व पर राष्ट्रीय हितों का परित्याग करने का आरोप लगाया।

एक्स पोस्ट में लिखा गया है, "1. राजनीति देखिए - सरदार स्वर्ण सिंह जी न तो गृह मंत्री थे और न ही विदेश मंत्री, फिर भी वह समझौता कर रहे थे? 2. क्योंकि उस समझौते में हमने अपना धार्मिक केंद्र करतारपुर साहिब दे दिया था?"

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर पंजाब में जमीन के कुछ हिस्से देने और पाकिस्तान का पक्ष लेने का आरोप लगाया।

भाजपा सांसद ने दावा किया, "3. हमने लाहौर-अमृतसर क्षेत्र में सरजा माजरा, रख हरदित सिंह और पठानके को दान कर दिया। 4. हमने पंजाब के फिरोजपुर जिले के कुछ हिस्से दान कर दिए। 5. हमने सुलेमानक और चक लाडके के इलाके दान कर दिए। उन्होंने संसद में इसकी घोषणा ऐसे की जैसे यह नेहरू जी या गांधी परिवार की निजी संपत्ति हो। संविधान के तहत यह अवैध है, लेकिन पाकिस्तान के प्रति पक्षपात का यह इतिहास राजनीतिक मानसिकता का एक शर्मनाक और निंदनीय उदाहरण है।" 

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TAGS: Bjp claims, nishikant dubey, sikh community, golden temple
OUTLOOK 07 July, 2025
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