“अल्पमत” के फैसले ने नोटबंदी में ‘अवैधता’ और ‘अनियमितताओं’ की ओर इशारा किया: चिदंबरम
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के तुरंत बाद कहा कि “अल्पमत” के फैसले ने नोटबंदी में ‘अवैधता’ और ‘अनियमितताओं’ की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि 4:1 के बहुमत से दिए गए फैसले ने इस सवाल को स्पष्ट कर दिया है कि क्या नोटबंदी के उद्देश्य हासिल किए गए ?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने एक ट्वीट में कहा, “एक बार माननीय उच्चतम न्यायालय ने कानून घोषित कर दिया है, तो हमें इसे स्वीकार करना ही होता है। हालांकि, यह इंगित करना आवश्यक है कि बहुमत ने निर्णय की बुद्धिमता को बरकरार नहीं रखा है, और न ही बहुमत ने यह निष्कर्ष निकाला है कि बताए गए उद्देश्य हासिल किए गए।” उन्होंने कहा, “वास्तव में बहुमत ने इस सवाल को स्पष्ट कर दिया है कि क्या उद्देश्यों को हासिल किया गया या नहीं?”
चिदंबरम ने कहा, “हम खुश हैं कि अल्पमत फैसले ने नोटबंदी में अवैधता और अनियमितताओं की ओर इशारा किया है। यह सरकार को हल्की फटकार हो सकती है, लेकिन इसके बावजूद यह स्वागत योग्य है।” उन्होंने कहा कि असहमति का फैसला अदालत के इतिहास में दर्ज प्रसिद्ध “असहमति” में शुमार होगा।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार के 2016 में 500 और 1000 रुपये की श्रृंखला वाले नोटों को बंद करने के फैसले को सोमवार को 4:1 के बहुमत के साथ सही ठहराया। पीठ ने बहुमत से लिए गए फैसले में कहा कि नोटबंदी की निर्णय प्रक्रिया दोषपूर्ण नहीं थी । हालांकि न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए।