महाकुंभ में भगदड़ में कुछ लोग गंभीर रूप से घायल, भीड़ का दबाव बना हुआ है: आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद बुधवार को अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक की और कहा कि घटना में कुछ लोग "गंभीर रूप से घायल" हुए हैं।
बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है, हालांकि भीड़ का दबाव अभी भी बना हुआ है। आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा ने प्रयागराज की स्थिति का जायजा लेने के लिए उन्हें फोन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में लगभग 9-10 करोड़ लोग हैं और उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे अपने निकटतम घाटों पर गंगा में डुबकी लगाएं तथा भीड़भाड़ से बचने के लिए संगम तट तक जाने का प्रयास न करें।
महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान 'मौनी अमावस्या' पर पवित्र स्नान के लिए लाखों तीर्थयात्रियों के आने के दौरान संगम पर भगदड़ मचने से कई लोगों के हताहत होने की आशंका है।
इस वर्ष 144 वर्षों के बाद 'त्रिवेणी योग' नामक एक दुर्लभ खगोलीय संयोग बन रहा है, जो इस दिन के आध्यात्मिक महत्व को और भी बढ़ा देता है। 'मौनी अमावस्या' पर 'अमृत स्नान' में लगभग 10 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है।
सुरक्षाकर्मी और बचावकर्मी घायलों को स्ट्रेचर पर ले जाते देखे गए। कंबल और बैग समेत लोगों के सामान इधर-उधर बिखरे पड़े थे। अफरा-तफरी कम होने के बाद, कुछ लोग अपने परिवार के सदस्यों को खोजने में लगे रहे, जबकि अन्य लोग भीड़ में फंसे लोगों को पंखा झलते और पानी पिलाते रहे।
आदित्यनाथ ने कहा, "रात एक से दो बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर, जहां अखाड़ों के अमृत स्नान की व्यवस्था की गई थी, कई श्रद्धालु बैरिकेड्स कूदकर भाग गए और कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।"
उन्होंने कहा, "सभी घायलों का इलाज चल रहा है और हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की आशा और प्रार्थना करते हैं।"
उन्होंने कहा, "मौनी अमावस्या के शुभ अवसर की शुरुआत से ही स्थानीय प्रशासन यहां दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित अमृत स्नान सुनिश्चित करने के प्रयास में व्यस्त था।"
आदित्यनाथ ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने श्रद्धालुओं का हालचाल जानने के लिए अब तक चार बार फोन किया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी फोन किया है।
आदित्यनाथ ने कहा, "सुबह से ही हम यह सुनिश्चित करने में व्यस्त हैं कि श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान करते समय कोई असुविधा न हो और इसीलिए यहां मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमुख सचिव (गृह), एडीजी कानून व्यवस्था और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। प्रयागराज में स्थिति नियंत्रण में है लेकिन भीड़ का दबाव अभी भी है।"
उन्होंने कहा कि वह सभी अखाड़ों के संपर्क में हैं और सभी अखाड़ों ने इस बात पर सहमति जताई है कि घाटों पर भीड़ कम होने के बाद ही वे पवित्र स्नान करेंगे।
उन्होंने कहा, "मैंने व्यक्तिगत रूप से अखाड़ा परिषद के प्रमुखों और महा मंडलेश्वरों सहित अन्य संतों से बात की है। सम्मानित संतों ने विनम्रतापूर्वक श्रद्धालुओं को (पहले) डुबकी लगाने देने पर सहमति जताई है। भीड़ का दबाव कम होने के बाद ही वे डुबकी लगाएंगे।"
उन्होंने कहा, "कल करीब पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके थे।" उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर भीड़ का दबाव अब भी बना हुआ है।
आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की कि वे अपने नजदीकी घाटों पर ही गंगा में डुबकी लगाएं और भीड़भाड़ से बचने के लिए संगम नोज तक जाने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा, "संगम नोज इलाके में भीड़ का दबाव बहुत ज़्यादा है और इसलिए हम सभी का सहयोग चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि वे जहां भी हों, वहीं स्नान कर लें, क्योंकि अस्थायी स्नान घाट बनाए गए हैं। स्नान के लिए संगम तट पर जाना जरूरी नहीं है।"
उन्होंने कहा, "बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के रोगियों को बहुत सावधान रहना चाहिए और अपने निकटतम घाटों पर स्नान करना चाहिए। सभी गंगा घाट हैं और सभी को समान पुण्य मिलेगा क्योंकि यह मौनी अमावस्या है।"
आदित्यनाथ ने लोगों से अफ़वाहों में न पड़ने की भी अपील की। उन्होंने कहा, "अफ़वाहें नुकसान पहुंचा सकती हैं... मेरी अपील है कि किसी को भी नकारात्मकता फैलाने न दें।"
उन्होंने कहा कि सभी को स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
धार्मिक नेताओं ने महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं से सावधानी और आत्म-अनुशासन बरतने की भी अपील की। वैष्णव संप्रदाय के स्वामी रामभद्राचार्य ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे संगम तट पर स्नान करने पर जोर न दें और इसके बजाय अपने नजदीकी गंगा घाट पर स्नान करें। उन्होंने लोगों को अपने शिविरों के पास रहने और अपनी और दूसरों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की सलाह दी।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा, "प्रयागराज में 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु मौजूद हैं। इतनी बड़ी भीड़ का प्रबंधन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। लाखों संत और उनके अनुयायी भी मौजूद हैं, ऐसे में सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।"
योग गुरु रामदेव ने श्रद्धालुओं से आत्म-अनुशासन बरतने और सावधानी के साथ पवित्र स्नान करने का आग्रह किया।