सोनम वांगचुक को हिरासत में लिया जाना अलोकतांत्रिक, अस्वीकार्य: विपक्ष
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक तथा कई अन्य लद्दाख वासियों को हिरासत में लिए जाने की आलोचना करते हुए मंगलवार को कहा कि इस तरह की ‘अलोकतांत्रिक’ कार्रवाई को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
केंद्र शासित प्रदेश को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च कर रहे वांगचुक सहित लद्दाख के करीब 120 लोगों को दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर हिरासत में ले लिया।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लद्दाख की आवाज सुननी होगी। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे सोनम वांगचुक जी और लद्दाख के सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया जाना अस्वीकार्य है।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी पूछा कि लद्दाख के भविष्य के लिए आवाज उठाने वाले बुजुर्ग नागरिकों को दिल्ली की सीमा पर आखिर हिरासत में क्यों लिया गया। गांधी ने कहा, ‘‘मोदी जी, किसानों के मामले की तरह यह चक्रव्यूह भी टूटेगा और आपका अहंकार भी टूटेगा। आपको लद्दाख की आवाज सुननी होगी।’’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सत्ता के नशे में चूर मोदी सरकार ने लद्दाख से शांतिपूर्वक दिल्ली मार्च कर रहे नागरिकों के एक समूह को हिरासत में ले लिया है। यह और कुछ नहीं, बल्कि एक कायरतापूर्ण कार्रवाई है तथा पूरी तरह से अलोकतांत्रिक प्रकृति की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लद्दाख में संविधान की छठी अनुसूची के तहत आदिवासी समुदायों की सुरक्षा के लिए व्यापक आह्वान के साथ, जन समर्थन की लहर बढ़ रही है। इसके बजाय, मोदी सरकार अपने करीबी मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए लद्दाख के पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र का दोहन करना चाहती है।’’
खड़गे ने कहा, ‘‘यह घटना हमें बताती है कि मोदी सरकार की निरंकुशता के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्रचारतंत्र में 'दुनिया के सबसे ताकतवर' प्रधानमंत्री लोकतंत्र में इतने कमजोर हैं कि चंद पैदल यात्रियों से डर गए। सोनम वांगचुक और उनके 100 से ज्यादा साथी लद्दाख से पैदल चलकर महात्मा गांधी जी की समाधि पर आ रहे थे। उनको दिल्ली बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया गया।’’ उन्होंने सवाल किया कि क्या दिल्ली किसी तानाशाह का किला है, जहां आम जनता घुस नहीं सकती? क्या पर्यावरण बचाने और लोकतंत्र बहाल करने की मांग करना अपराध है? प्रियंका गांधी ने कहा कि लोकतंत्र में ऐसी अलोकतांत्रिक कार्यवाहियां कतई अस्वीकार्य हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सोनम वांगचुक की शांतिपूर्ण यात्रा को बाधित करके कुछ हासिल नहीं कर सकती। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जो लोग शांति से डरते हैं, वो अंदर से डरे हुए लोग होते हैं। भाजपा सरकार पर्यावरण रक्षक व लद्दाख हितैषी सोनम वांगचुक जी की शांतिपूर्ण दिल्ली यात्रा को बाधित करके कुछ भी हासिल नहीं कर सकती। केंद्र अगर सरहद की आवाज़ नहीं सुनेगा, तो ये उसकी राजनीतिक श्रवणहीनता कहलाएगी।’’
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया कि निहत्थे और शांतिपूर्ण लोगों से आखिर क्या डर है? उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दिल्ली में आने से कभी किसानों को रोकते हैं, कभी लद्दाख के लोगों को रोकते हैं। क्या दिल्ली किसी एक शख़्स की बपौती है? दिल्ली देश की राजधानी है। दिल्ली में आने का सब को अधिकार है। ये सरासर ग़लत है। निहत्थे शांतिपूर्ण लोगों से आख़िर इन्हें क्या डर लग रहा है?’’