सोनिया गांधी के आवास पर मंथन के मायने, ममता के यूपीए को नकारने के बाद विपक्षी दल एकजुट!
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को द्रमुक, नेकां, शिवसेना, राकांपा के विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर संसदीय रणनीति बनाई और बताया कि समान विचारधारा वाले दल एक साथ कैसे काम कर सकते हैं। यह बैठक तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी के लिए जवाब के तौर पर हुई है, जिन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि अब कोई यूपीए नहीं है।
बैठक में मौजूद नेताओं में शरद पवार, टीआर बालू, फारूक अब्दुल्ला और संजय राउत शामिल रहे। बैठक में राहुल गांधी भी मौजूद थे।
बैठक के बाद बालू ने कहा, ''हमने राज्यसभा से सांसदों के निलंबन पर चर्चा की।'' जबकि नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए साझा रणनीति तैयार करने के लिए आम सहमति बना ली गई है।
अब्दुल्ला ने कहा, "हमने राष्ट्र की वर्तमान स्थिति के बारे में बात की और हम कैसे एक साथ काम कर सकते हैं और राष्ट्र के हित में आगे बढ़ सकते हैं।"
सोनिया गांधी की अहम बैठक उस दिन हुई है, जब विपक्ष ने सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर मार्च निकाला था, बैठक में तय किया गया है कि सरकार की मांग के मुताबिक सांसद माफी नहीं मांगेंगे।
संसद के दोनों सदनों के समान विचारधारा वाले विपक्षी नेताओं ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में मुलाकात की। विपक्षी नेताओं ने निलंबित सांसदों के साथ एकजुटता दिखाते हुए मार्च निकाला।
इस मुद्दे पर विपक्ष और सरकार आमने-सामने हैं और सोमवार को उच्च सदन में विपक्ष द्वारा निलंबन को रद्द करने की मांग के साथ व्यवधान देखा गया।