हेलीकॉप्टर घोटाले में सोनिया का नाम, भाजपा आक्रामक
यही नहीं इस मामले के दौरान अदालत में ऐसे दस्तावेज रखे गए जिसमें यह दावा किया गया है कि श्रीमती गांधी इस सौदे के लिए मुख्य उत्प्रेरक थीं। मामले में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह का भी जिक्र किया गया है। इसकी सूचना आने के बाद भारत की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आने की आशंका दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी जहां इस मामले में आक्रामक हो गई है वहीं अपने सर्वोच्च नेताओं को बचाने के लिए कांग्रेस ने भी कमर कस ली है।
इटली की अदालत में पेश दस्तावेजों में कहा गया है कि सौदे में कुछ नेताओं को करीब 120 करोड़ रुपये दिए गए। इस दस्तावेज में बताया गया है कि सौदे के पीछे की मुख्य ताकत श्रीमती गांधी हैं। इसके बाद भाजपा ने संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह कांग्रेस नेताओं को घेरने का निर्णय किया है। वैसे कांग्रेस ने अपने नेताओं का बचाव करते हुए कहा है कि सोनिया और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ईमानदारी पर प्रश्न खड़े नहीं किए जा सकते।
रणनीति बनाने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की आज यहां बैठक हुई। यह मुद्दा भाजपा संसदीय दल की बैठक में भी उठा जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। कांग्रेस को विवादास्पद एयरसेल मैक्सिस सौदे को लेकर तथा इशरत जहां मुठभेड़ मामले के हलफनामा को लेकर भी निशाना बनाया जाएगा। संसद में अब भाजपा कांग्रेस को इन सभी मुद्दों पर घेरेगी मगर हेलीकॉप्टर सौदे में सोनिया का नाम आना कांग्रेस के लिए ज्यादा संकट का मामला है।
इसी को देखते हुए कांग्रेस ने पलटवारर की रणनीति बनाई है। आरोपों को खारिज करते हुए संप्रग सरकार में रक्षा मंत्री रहे ए.के. एंटनी ने मोदी सरकार से कहा कि हेलीकॉप्टर सौदे की जांच में तेजी लाएं और सच्चाई का पता लगाएं क्योंकि संप्रग सरकार ने अनुबंध को रद्द कर दिया था और मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, जब पहला आरोप मीडिया में आया तो हमने तुरंत सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। हमने अनुबंध को रद्द कर दिया और मिलान की अदालत में मामले को लड़ा। हम केस जीत गए और हमने जो अग्रिम राशि दी थी वह बैंक गारंटी के तौर पर वापस मिल गई।
उन्होंने कहा, भारत सरकार को अब और सूचना मिली है। मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि जांच लंबे समय से चल रही है और इसलिए जांच में तेजी लाई जाए और सच्चाई का पता लगाया जाए।
कांग्रेस ने पलटवार करते हुए सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के खिलाफ किसी भी आरोप को खारिज कर दिया। राज्यसभा में पार्टी के उपनेता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, किसी को भी घटिया टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री की ईमानदारी और बुद्धिमता पर कभी सवाल नहीं उठे। शर्मा ने यह भी दावा किया कि मोदी के करीबी व्यवसायियों ने अगस्ता वेस्टलैंड के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया। लेकिन उन्होंने नाम बताने से इंकार कर दिया।
हेलीकॉप्टर सौदे को लेकर कांग्रेस पर हमला करने के लिए भाजपा ने दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतारा। उन्होंने मनमोहन सिंह की सरकार में रक्षा मंत्री रहे ए.के. एंटनी से कहा कि घोटाले में कथित तौर पर संलिप्त पार्टी नेताओं का नाम उजागर करें। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, रिश्वत देने वाले दोषी करार दिए गए हैं। रिश्वत लेने वाले चुप क्यों हैं? एंटनी को जवाब देना चाहिए कि क्या कांग्रेस इसमें शामिल है या नहीं। क्या वे आपकी पार्टी से हैं या नहीं? कृपया स्पष्ट कीजिए।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को इटली की अदालत में उनके नाम के कथित जिक्र पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, उनकी सरकार भ्रष्टाचार की चैंपियन थी। अदालत द्वारा उनके नाम का जिक्र करने के बारे में उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए।
राज्यसभा में नव नामित सदस्य के रूप में शपथ लेने वाले सुब्रमण्यम स्वामी राज्यसभा में हेलीकॉप्टर समझौते को उठाएंगे जिसके लिए नोटिस दे दिया गया है। स्वामी को गांधी परिवार के धुर विरोधी के तौर पर जाना जाता है। लोकसभा में कल यह मामला मीनाक्षी लेखी उठा सकती हैं। भाजपा के एक शीर्ष नेता ने कहा कि पहली बार किसी रिश्वत देने वाले को दोषी ठहराया गया है लेकिन लोगों को अब भी नहीं मालूम कि रिश्वत किसने ली। लोकसभा में अनुराग ठाकुर एयरसेल मैक्सिस सौदे को उठा सकते हैं जबकि ऊपरी सदन में भूपेन्द्र यादव इस मुद्दे को उठाएंगे। इशरत जहां मामले को लोकसभा में किरीट सोमैया उठाएंगे।