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21 October 2024

दक्षिण के राज्यों को परिवार नियोजन की सफलता के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए: कांग्रेस

कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों को परिवार नियोजन की सफलता के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए और इसका असर संसद में उनके प्रतिनिधित्व पर नहीं होना चाहिए।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि दक्षिण भारतीय राज्यों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त फॉर्मूले पर काम किया जा सकता है।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "दक्षिण भारतीय राज्य परिवार नियोजन में अग्रणी रहे हैं। प्रजनन क्षमता के प्रतिस्थापन स्तर तक पहुंचने वाला पहला स्थान 1988 में केरल था, उसके बाद 1993 में तमिलनाडु, 2001 में आंध्र प्रदेश और 2005 में कर्नाटक ने यह उपलब्धि हासिल की।"

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उन्होंने कहा, "पिछले कुछ समय से यह चिंता व्यक्त की जा रही है कि इन सफलताओं से संसद में इन राज्यों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व कम हो सकता है। इसीलिए 2001 में वाजपेयी सरकार ने संविधान (अनुच्छेद 82) में संशोधन कर लोकसभा में पुनर्समायोजन को वर्ष 2026 के बाद होने वाली पहली जनगणना के प्रकाशन पर निर्भर बना दिया।"

रमेश के अनुसार, आम तौर पर, 2026 के बाद पहली जनगणना का मतलब 2031 की जनगणना होती। लेकिन संपूर्ण दशकीय जनगणना कार्यक्रम बाधित हो गया है और यहां तक कि 2021 के लिए निर्धारित जनगणना भी नहीं की गई है। उन्होंने कहा, "हम सुनते रहे हैं कि लंबे समय से विलंबित जनगणना जल्द ही शुरू होगी। क्या इसका उपयोग लोकसभा में सीटों के आवंटन के लिए किया जाएगा?"

रमेश ने कहा, "सफलता को दंडित कदापि नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त फॉर्मूले पर काम किया जा सकता है।"

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TAGS: Southern states, Penalized, family planning, Congress
OUTLOOK 21 October, 2024
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