यूपी का दंगल : सपा के साथ महागठबंधन पर कांग्रेस में बगावत के सुर
इस साल की शुरुआत से ही कांग्रेस यह कहती रही है कि चुनाव में अकेले जाएंगे। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के आने के बाद सभी संभावित उम्मीदवारों को लगातार मैदान में दौड़ाया गया और तमाम दूसरे तरह के आयोजन उनकी तरफ से कराए गए। संगठन को भी मैदान में उतारा गया और अब की परिस्थितियां महागठबंधन की तरफ बढ़ रही हैं। यह चर्चा न तो कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों को पसंद आ रही हैं और न ही जिला अध्यक्षों को। उनका कहना है कि अगर गठबंधन ही करना था तो फिर लगातार उनसे काम ही क्यों लिया गया। क्यों उनका इतना पैसा खर्च कराया गया जबकि उन्हें चुनाव ही नहीं लड़ना है।
यह विरोध करने वाले ज्यादातर वह जिले हैं जहां कांग्रेस पूरी तरह साफ है और वर्तमान विधायक सपा के हैं। ऐसे में कांग्रेस जिला अध्यक्ष और उन सीटों पर संभावित उम्मीदवारों का साफ मानना है कि सपा अपने मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर कांग्रेस को सीट नहीं देगी।