चिदंबरम ने दी प्रदेश कांग्रेस प्रमुख को चुनौती
इलनगोवन के राज्य इकाई प्रमुख का कार्यभार संभालने के बाद यह पहली ऐसी चुनौती है और इसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि तमिलनाडु इकाई प्रमुख के साथ गहरे मतभेदों के बावजूद चिदंबरम ने अब तक मामले में सीधे तौर पर हस्तक्षेप नहीं किया था। इलनगोवन ने पिछले साल नवंबर में प्रदेश प्रमुख का कार्यभार संभाला था।
चिदंबरम और इलनगोवन खेमों के बीच विवाद उस समय तेज हो गया था जब पिछले महीने जयंती नटराजन ने पार्टी छोड़ दी थी और इलनगोवन ने कहा था, अगर एक नेता अपने उत्तराधिकारी के साथ पार्टी छोड़ दें तो कांग्रेस को नया जीवन मिल जाएगा। चिदंबरम के समर्थकों ने इसकी आलोचना की थी। उन्होंने पोस्टरों के जरिये इलनगोवन के बयान की आलोचना की थी। पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने भी कथित तौर पर बयान को खारिज कर दिया था। चिदंबरम के कोयंबटूर स्थित छह समर्थकों ने इलनगोवन की कार को रोकने का प्रयास किया था और पार्टी छोड़ने संबंधी उनकी टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ नारेबाजी की। जल्दी ही इन समर्थकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर निष्कासित कर दिया गया। चिदंबरम के समर्थकों ने इसे चुनौती दी है।
अपने समर्थकों का बचाव करते हुए चिदंबरम ने कहा कि पार्टी के छह लोगों का निष्कासन चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा कि किसी भी सदस्य को बिना उससे स्पष्टीकरण मांगे, जांच कराए और अनुशासनिक समिति से मंजूरी के बिना निष्कासित नहीं किया जा सकता। इलनगोवन का नाम लिए बिना निष्कासन की तीखी निंदा करते हुए उन्होंने कहा, मैं आल इंडिया कांग्रेस कमेटी से हस्तक्षेप करने और उचित कदम उठाने का अनुरोध करता हूं। इस संबंध में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर इलनगोवन ने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।