शक्ति परीक्षण: कांग्रेस, भाजपा ने व्हिप की प्रक्रिया शुरू की
उन्होंने बताया कि ई-मेल, एसएमएस और चिट्ठी सहित सभी माध्यमों से भेजे जा रहे व्हिप में सभी विधायकों को हर परिस्थिति में 10 मई को विधानसभा में मौजूद रहने और हरीश रावत सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले विश्वास मत के समर्थन में मतदान करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
शक्ति परीक्षण में कांग्रेस के पक्ष में बहुमत सिद्ध हो जाने के प्रति आश्वस्त दिखाई दे रहीं इंदिरा ने कहा कि संख्या बल उनकी पार्टी के पक्ष में है और जीत भी उसी की होगी। उन्होंने बताया कि शक्ति परीक्षण से पहले कांग्रेस विधानमंडल दल की एक बैठक भी बुलाई जाएगी। हालांकि, इसका समय पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ सलाह मशविरा करने के बाद तय किया जाएगा।
उधर, राज्य विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक मदन कौशिक ने बताया कि पार्टी विधायको को व्हिप जारी करने की तैयारियां कर ली गई हैं और कल देहरादून में होने वाली पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में हर विधायक को व्हिप की प्रति दे दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर किसी कारणवश विधायक बैठक में उपस्थित नहीं हो पाए तो उन्हें संबंधित जिले के जिलाधिकारी के माध्यम से व्हिप दिया जाएगा। घनसाली से पार्टी विधायक भीमलाल आर्य के बारे में पूछे जाने पर कौशिक ने कहा कि आर्य को भी पार्टी व्हिप जारी किया जाएगा और उन्हें शक्ति परीक्षण के दौरान अन्य विधायकों की तरह पार्टी लाइन पर मतदान करने के निर्देश होंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री रावत से नजदीकियों और अपनी पार्टी के प्रति संदिग्ध निष्ठा के चलते पिछले महीने भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल से दल-बदल कानून के तहत उनकी विधानसभा सदस्यता रदद करने की मांग की थी। हालांकि, आर्य के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने का आधार बताते हुए कुंजवाल ने वह याचिका खारिज कर दी थी। कौशिक ने कहा कि यदि आर्य व्हिप को लेने से इंकार करते हैं तो उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के जरिये व्हिप की प्राप्ति सुनिश्चित कराई जाएगी।
सर्वोच्च न्यायालय ने 10 मई को अपनी निगरानी मे उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराए जाने के आदेश दिए हैं। कांग्रेस के नौ अयोग्य घोषित हो चुके विधायकों को राज्य विधानसभा में 10 मई को होने वाले शक्ति परीक्षण के दौरान मतदान से वंचित रखे जाने के न्यायालय के आदेश से सदन में कांग्रेस लाभ की स्थिति में नजर आ रही है। नौ विधायकों के अयोग्य घोषित होने से 71 विधायकों की क्षमता वाली विधानसभा की प्रभावी सदस्य संख्या 62 रह गई हैं जिसमें बहुमत साबित करने के लिए 31 विधायकों का समर्थन जरूरी होगा।
निलंबित उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष कुंजवाल ने इस संबंध में बताया कि 62 सदस्यों की प्रभावी क्षमता वाले सदन में अध्यक्ष को छोडकर अन्य सभी 61 विधायक मतदान में हिस्सा लेंगे और बहुमत का आंकडा हासिल करने के लिए 31 विधायकों का समर्थन जरूरी होगा। उन्होंने बताया कि मतदान में सदन में एंग्लो-इंडियन समुदाय से मनोनीत किए गए विधायक आर.वी. गार्डनर भी भाग लेंगे। विधानसभा में कांग्रेस की संख्या 27 है जबकि भाजपा के पास 28 विधायक हैं। कांग्रेस के पास अपने 27 विधायकों के अलावा छह सदस्यीय प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (पीडीएफ) तथा एक मनोनीत विधायक का भी समर्थन है जिसके बल पर उसके सदन में आसानी से बहुमत के 31 के जादुई आंकडे को पार करने की उम्मीद है।