रोहित की खुदकुशी दलित बनाम गैर दलित मुद्दा नहीं: स्मृति ईरानी
बुधवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस कर स्मृति ईरानी ने कहा कि यह कोई दलित बनाम गैर दलित मुद्दा नहीं है जैसा कि कुछ लोग भावनाएं भड़काने के लिए पेश कर रहे हैं। यह कोई जातिगत झगड़ा नहीं था। इस विषय को जाति संघर्ष के तौर पर पेश किया जाना दुर्भावनापूर्ण है। रोहित के सुसाइड नोट में किसी सांसद, संगठन या विश्वविद्यालय के अधिकारी का जिक्र नहीं है। मामले में घिरे केंद्रीय राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय का बचाव करते हुए एचआरडी मंत्री ने कहा कि श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ही नहीं बल्कि कांग्रेस सांसद हनुमंत राव ने भी हैदराबाद विश्वविद्यालय से जुड़े मुद्दे उठाते हुए मंत्रालय को पत्र लिखा था।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा भेजे गए तथ्य अन्वेषण दल के शाम तक लौटने और रिपोर्ट पेश करने की उम्मीद है। गौरतलब है कि बंडारू दत्तात्रेय की शिकायत के बाद ही हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने रोहित समेत पांच दलित छात्रों को यूनिवर्सिटी हॉस्टल से निकाल दिया था। आत्महत्या के मामले में पुलिस ने बंडारु दत्तात्रेय के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया है। लेकिन स्मृति ईरानी ने यह कहते हुए दत्तात्रेय का बचाव करने की कोशिश की है कि कांग्रेस सांसद हनुमंत राव ने भी हैदराबाद विश्वविद्यालय से जुड़े मुद्दे को उठाते हुए मंत्रालय को पत्र लिखा था। दत्तात्रेय के पत्र को लेकर मंत्रालय ने अलग से कुछ नहीं किया बल्कि मानक प्रक्रियाओं का ही पालन किया गया।
आरोप हैं कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी में अंबेडकर छात्र संघ और आरएसएस से जुड़ी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र गुटों के बीच झगड़े के बाद भाजपा नेता बंडारू दत्तात्रेय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर कार्रवाई का दबाव बनाया था। इसके बाद ही दलित छात्रों को हॉस्टल से निकाला गया और यूनिवर्सिटी की सार्वजनिक जगहों पर भी इनका प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, स्मृति ईरानी ने दलित छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव डालने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
मंत्रालय ने वीसी को भेजे 5 रिमाइंडर
मिली जानकारी के अनुसार, दत्तात्रेय के पत्र के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के वीसी को पांच रिमाइंड भेजे थे। स्मृति ईरानी का कहना है कि कांग्रेस सांसद हनुमंत राव के पत्र को लेकर भी मंत्रालय ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के साथ इसी तरह फोलो-अप किया था। हनुमंत राव ने चार वर्षों के दौरान हैदराबाद यूनिवर्सिटी में दलित व पिछड़े वर्ग के छात्राें की आत्महत्याओं का मुद्दा उठाते हुए वर्ष 2014 में मंत्रालय को पत्र लिखा था।
ईरानी ने साधा कांग्रेस पर निशाना
शोध छात्र की आत्महत्या के मामले में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस को भी घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद हनुमंत राव के पत्र से पता चला है कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी में ऐसी घटनाएं चार साल पहले भी हुई थीं। अगर कांग्रेस ने उस समय मामले को सुलझा लिया होता तो आज रोहित आज जिंदा होते। स्मृति ईरानी ने कहा, विश्वविद्यालय की कार्यकारी समिति का गठन इस सरकार ने नहीं किया था। कार्यकारी परिषद में कार्यरत सदस्यों को पूर्व की संप्रग सरकार ने नामित किया था। कार्यकारी परिषद ने ही रोहित समेत पांच छात्रों के निष्कासन को मंजूरी दी थी और एक कार्यकारी उप समिति ने सजा बरकरार रखा।
दत्तात्रेय ने दी सफाई
छात्र की आत्महत्या के मामले में घिरे केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने अपनी तरफ से सफाई देते हुए कहा है कि उन्हें जो ज्ञापन दिए गए थे, उन्होंने उसे ही मंत्रालय को भेजा। अगर कोई अन्य छात्र संगठन उनके पास शिकायत लेकर आता तो वह उसे भी मंत्रालय को भेज देते।