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26 May 2024

जम्मू-कश्मीर में सफल चुनाव मोदी सरकार की सफलता, विधानसभा चुनाव और राज्य का दर्जा होंगे अगले कदम: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर में सफल मतदान से मोदी सरकार की कश्मीर नीति सही साबित हुई है, जहां अलगाववादियों ने भी ‘भारी मतदान’ किया है। इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि वहां 30 सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव होंगे।

शाह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि एक बार चुनाव समाप्त हो जाने के बाद सरकार इस केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने संसद में कहा है कि हम विधानसभा चुनावों के बाद राज्य का दर्जा बहाल करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्गों के सर्वेक्षण की बात हो या विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन का काम, सब कुछ योजना के अनुसार हो रहा है।

शाह ने कहा, ‘‘हमने परिसीमन की प्रक्रिया पूरी कर ली है। क्योंकि परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आरक्षण दिया जा सकता है। चूंकि हमें विभिन्न जातियों की स्थिति (आरक्षण देने के लिए) के बारे में जानना है, यह हो गया है। लोकसभा चुनाव भी (जम्मू कश्मीर में) खत्म हो चुके हैं। इसके बाद विधानसभा चुनाव होंगे। हम उच्चतम न्यायालय की समयसीमा से पहले प्रक्रिया पूरी कर लेंगे।’’

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उच्चतम न्यायालय ने 11 दिसंबर, 2023 को निर्वाचन आयोग को 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का निर्देश दिया था।

लोकसभा चुनावों के दौरान कश्मीर घाटी में अपेक्षाकृत अधिक मतदान प्रतिशत पर टिप्पणी करते हुए शाह ने कहा कि उनका मानना है कि घाटी में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा, ‘‘मतदान प्रतिशत बढ़ा है। कुछ लोग कहते थे कि घाटी के लोग भारतीय संविधान को नहीं मानते। लेकिन ये चुनाव भारतीय संविधान के तहत हुआ क्योंकि अब कश्मीर का संविधान ही नहीं रहा। उसे खत्म कर दिया गया है। चुनाव भारतीय संविधान के तहत आयोजित किया गया। जो अलग देश की मांग करते थे और जो पाकिस्तान के साथ जाना चाहते हैं… चाहे संगठन के स्तर पर हों या और व्यक्तिगत रूप से…उन्होंने भी बढ़-चढ़कर मतदान किया है।’’

शाह ने कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि यह लोकतंत्र की बहुत बड़ी जीत है। और हमारी कश्मीर नीति… नरेन्द्र मोदी सरकार की जो 10 साल की नीति रही है… इसकी यह सफलता है।’’

निर्वाचन आयोग ने शनिवार को कहा कि कश्मीर घाटी की तीन सीट श्रीनगर (38.49 प्रतिशत), बारामूला (59.1 प्रतिशत) और अनंतनाग-राजौरी (53 प्रतिशत) में कई दशकों में सबसे अधिक मतदान हुआ है। यह पूछे जाने पर कि भाजपा ने कश्मीर घाटी में लोकसभा चुनावों में कोई उम्मीदवार क्यों नहीं उतारा, शाह ने कहा कि पार्टी अभी भी घाटी में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भविष्य में निश्चित रूप से अपने उम्मीदवार उतारेंगे। हमारे संगठन का विस्तार हो रहा है और हमारा संगठन मजबूत होने की प्रक्रिया में है।’’

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के जम्मू एवं कश्मीर में विलय की संभावना के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि उनका निजी तौर पर मानना है कि पीओके 1947-48 से भारत का हिस्सा होना चाहिए था, लेकिन यह पाकिस्तान के साथ पहले युद्ध में जवाहरलाल नेहरू सरकार द्वारा समय से पहले संघर्ष विराम के कारण दूर हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर चार दिन बाद संघर्ष विराम की घोषणा की गई होती तो पीओके हमारा होता।’’

उन्होंने कहा कि पीओके के जम्मू एवं कश्मीर में संभावित विलय का फैसला काफी गंभीर चर्चा के बाद ही हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा मुद्दा है जो देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’’

शाह ने कहा कि पीओके का विलय भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, इस पर संसद में प्रस्ताव भी पारित हो चुके हैं।…वह भी सर्वसम्मति सें। कांग्रेस पार्टी को शायद यह एहसास न हो कि उन्होंने भी इसके लिए वोट किया था।’’

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TAGS: Successful elections, Jammu and Kashmir, assembly elections, statehood, Success of Modi government, Amit Shah
OUTLOOK 26 May, 2024
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