भाजपा ने बलात्कार के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद से किया किनारा, कहा- अब वह पार्टी के सदस्य नहीं
कानून की एक छात्रा द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद भाजपा ने बुधवार को दावा किया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद अब पार्टी के सदस्य नहीं हैं। पार्टी प्रवक्ता हरीशचंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि वह भाजपा के सदस्य नहीं हैं। लेकिन पार्टी प्रवक्ता यह नहीं बता पाए कि चिन्मयानंद कब से पार्टी के सदस्य नहीं है। जबकि पार्टी यह दावा करती है कि उसके सारे रिकॉर्ड डिजिटल हैं। ऐमें में पार्टी प्रवक्ता की सटीक जानकारी नहीं होना आश्चर्य में डालता है।
चिन्मयानंद उत्तर प्रदेश के जौनपुर से 13वीं लोकसभा के लिए 1999 में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में गृह राज्य मंत्री थे। उन्होंने 1991 में बदायूं से और 1998 में मछलीशहर से लोकसभा का चुनाव जीता था।
अखाड़ा परिषद करेगा निष्कासित
विवाद बढ़ने के बाद शुक्रवार से न्यायिक हिरासत में चल रहे स्वामी चिन्मयानंद को किसी भी तरह का समर्थन देने के लिए कोई भी भाजपा नेता आगे नहीं आया है। यहां तक कि साधु संतों की प्रमुख संस्था अखाड़ा परिषद भी 10 अक्टूबर को हरिद्वार में होने वाली बैठक में स्वामी चिन्मयानंद को निष्कासित करने का फैसला लेगी।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने कहा, "इस तरह के ज्यादार मामलों में निर्दोष साबित होने तक आरोपियों को अखाड़ा परिषद से निष्कासित कर दिया जाता है।" उन्होंने कहा कि 72 वर्षीय स्वामी चिन्मयानंद प्रयागराज स्थित महानिर्वाणी अखाड़े से थे।
पहले भी दर्ज हुआ था मुकदमा
चिन्मयानंद पर उनके द्वारा चलाए जा रहे मुमुक्षु आश्रम के प्रबंधक और शिष्य ने ही 30 नवंबर 2011 को उन पर अपहरण और बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था जिसे पिछले साल वापस लेने के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए थे लेकिन पीड़ित की आपत्ति के बाद शाहजहांपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी। प्रबंधक का आरोप था कि उन्हें कई सालों तक बंदी बनाकर बलात्कार किया गया और उनके साथ मारपीट की गई।