भाजपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य
मौर्य के भाजपा में शामिल होने से माना जा रहा है कि पिछड़े वर्ग का लाभ पार्टी को मिल सकता है। बसपा छोड़ने के बाद माना जा रहा था कि मौर्य समाजवादी पार्टी या कांग्रेस से जुड़ सकते हैं लेकिन जिस तरीके से दोनों पार्टियों के साथ तल्ख संवाद हुआ उससे जाहिर होने लगा कि मौर्य भाजपा में जा सकते हैं। वैसे बीच में इस बात की भी खबर उड़ी थी कि मौर्य अलग पार्टी बनाकर गठबंधन करके चुनाव लड़ेंगे लेकिन अंत में भाजपा से जुड़ने का फैसला किया।
भाजपा में शामिल होने के बाद मौर्य ने कहा कि यदि उन्हें पार्टी नेतृत्व से भरपूर समर्थन मिलता है तो भाजपा राज्य में मजबूत बहुमत के साथ सत्ता में आएगी। गौरतलब है कि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा किसी भी प्रकार से चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। इससे पहले भाजपा ने राजभर समुदाय के बड़े नेता ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ नाता जोड़ा। इससे माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भाजपा के साथ पिछड़े वर्ग के कई और नेता जुड़ सकते हैं।
मौर्य ने कहा कि उन्होने सही समय पर सही फैसला लिया है और राज्य में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। मौर्य की कुशवाहा, मौर्य, शाक्य और सैनी जैसे ओबीसी समुदायों के मतदाताओं पर अच्छी पकड़ है। उन्होने कहा कि बसपा के कई और विधायक आने वाले दिनों में भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि मायावती पिछड़ी जातियों को हाशिये पर डाल रही हैं और वह 403 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में इस समुदाय को बस 26-27 सीटें ही दें सकती हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस समुदाय को 29 सीटें दी थीं और सभी के सभी जीत गए लेकिन बसपा ने महज 16 सीटें ही दी थी।