Advertisement
31 October 2025

जिस विचारधारा का आजादी में योगदान नहीं, वह महापुरुषों की विरासत हथियाने की कोशिश में: कांग्रेस

कांग्रेस ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस विचारधारा की आजादी की लड़ाई और संविधान के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी वह अपना हित साधने के लिए महापुरुषों की विरासत को हथियाने की कोशिश कर रही है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘आज जब राष्ट्र सरदार पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है, तब हमें यह भी याद करना चाहिए कि 13 फ़रवरी 1949 को जवाहरलाल नेहरू ने गोधरा में सरदार पटेल की एक प्रतिमा का अनावरण किया था। गोधरा से ही भारत के लौह पुरुष ने अपनी वकालत शुरू की थी।’

उन्होंने कहा कि उस अवसर पर पंडित नेहरू का दिया गया भाषण बार-बार पढ़ा जाना चाहिए, क्योंकि उससे दोनों नेताओं की तीन दशकों से भी अधिक समय तक चली गहरी और मजबूत सहयात्रा की जानकारी मिलती है।

Advertisement

रमेश का कहना है, ‘ सरदार पटेल की 75वीं जयंती की पूर्व संध्या पर पंडित नेहरू ने अपने संदेश में कहा था : ‘बहुत कम लोगों के पास सरदार पटेल जैसा इतना लंबा और उल्लेखनीय सेवा-कार्य का इतिहास है’।

उनके मुताबिक, नेहरू ने यह भी कहा था, ‘…मैं राष्ट्रीय गतिविधियों में उनके साथ तीस वर्षों की मित्रता और घनिष्ठ सहयोग को याद करता हूँ। यह समय उतार-चढ़ाव और बड़े घटनाक्रमों से भरा रहा है और इससे हम सबकी कड़ी परीक्षा हुई है। सरदार पटेल इन परीक्षाओं से निकलकर भारतीय परिदृश्य पर एक प्रभावशाली और मार्गदर्शक व्यक्तित्व के रूप में उभरे हैं, असंख्य लोग जिनकी ओर मार्गदर्शन पाने के लिए देखते हैं। ईश्वर करे कि वह हमारे और देश के लिए दीर्घायु हों।’

रमेश ने कहा, ’19 सितंबर 1963 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने नई दिल्ली में संसद भवन और चुनाव आयोग के कार्यालय के पास स्थित एक प्रमुख चौराहे पर सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया। उस समय जवाहरलाल नेहरू भी उपस्थित थे, और प्रतिमा पर अंकित होने वाले शिलालेख के लिए सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली यह वाक्य उन्होंने स्वयं चुना था: “भारत की एकता के शिल्पकार।”

कांग्रेस नेता ने इस बात का उल्लेख भी किया कि 31 अक्टूबर 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने सरदार वल्लभभाई पटेल जन्म शताब्दी वर्ष के समापन समारोह की अध्यक्षता की थी। उनके अनुसार, उस अवसर पर इंदिरा गांधी ने सरदार पटेल के अनेक विशिष्ट कार्यों और योगदानों को रेखांकित करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका वह वक्तव्य आज भी उतना ही अर्थपूर्ण माना जाता है।

रमेश ने सरदार पटेल द्वारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखे गए एक पत्र की प्रति साझा करते हुए कहा, ‘2014 के बाद, इतिहास को विशेष रूप से ‘जी 2’ और उनके तंत्र द्वारा खुलेआम तोड़ा-मरोड़ा और विकृत किया गया है। निस्वार्थ राष्ट्र-निर्माताओं के इन महान व्यक्तित्वों को उस विचारधारा द्वारा अपने हित में इस्तेमाल करना, निश्चय ही उन्हें (पटेल) व्यथित करता। ‘

उन्होंने दावा किया, ‘यह एक ऐसी विचारधारा है जिसका न तो स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान था, न संविधान निर्माण में, और जिसने, स्वयं सरदार पटेल के शब्दों में, ऐसा माहौल बनाया जिसने 30 जनवरी, 1948 (महात्मा गांधी की हत्या) की भीषण त्रासदी को संभव बनाया।’

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Ideology, Independence, legacy of great men, Congress
OUTLOOK 31 October, 2025
Advertisement