योगी आदित्यनाथ पर तस्वीर हो गई साफ, जाने दिल्ली से आए भाजपा नेता के बयान के मायने
यूपी की राजनीति इस समय खासी गरमाई हुई है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा आलाकमान अभी से एक्टिव हो गया है।इस बीच भाजपा के संगठन मंत्री बीएल संतोष ने ट्वीट कर उन कयासों पर विराम लगाने की कोशिश की है, जिसमें यह कहा गया था कि केंद्रीय नेतृत्व योगी आदित्यनाथ की लीडरशिप को लेकर चिंतित है। योगी मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की चर्चाओं के बीच दिल्ली से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष को लखनऊ भेजा गया। ऐसे में उऩका यह बयान काफी अहम माना जा रहा है। उन्होंने कोरोना संकट से निपटने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ भी की। साथ ही किसी का नाम लिए बिना यह भी लिखा कि एक म्युनिसिपलिटी के सीएम 1.5 करोड़ लोगों की आबादी को मैनेज करने में फेल रहे हैं। वहीं, योगी सरकार ने 20 करोड़ से अधिक आबादी वाले यूपी में नियंत्रण कायम किया है।
बीएल संतोष ने हाल मं लखनऊ में राज्य सरकार के कई मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। कयास लगाए जा रहे थे कि केंद्रीय नेतृत्व यूपी में पार्टी के कामकाज को लेकर चिंतित है और इसी के चलते मीटिंग की गई है। मीटिंग में बीजेपी के कई नेताओं ने बीएल संतोष से कहा था कि उनकी कोई सुनवाई अफसर नहीं करते हैं और वे लोगों के काम नहीं करा पा रहे हैं। इन शिकायतों को पार्टी और सरकार के बीच तालमेल की कमी के तौर पर देखा गया था। हालांकि बीएल संतोष ने नेताओं से कहा था कि फिलहाल उन्हें योगी आदित्यनाथ सरकार की उपलब्धियों पर ध्यान देना चाहिए और लोगों के बीच जाना चाहिए।
बीएल संतोष ने तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए योगी सरकार की तारीफ करते हुए दो ट्वीट किए हैं। एक ट्वीट में योगी सरकार के 12 साल से कम आयु वाले बच्चों के पैरेंट्स को पहले टीका लगाने के फैसले की सराहना की तो दूसरे ट्वीट में बीएल संतोष ने लिखा, 'पिछले 5 सप्ताह में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नए केसों में 93 फीसदी तक की कमी लाने में सफल रही है। उनके बयान के बाद यूपी सरकार को लेकर कयासों पर जरूर विराम लग गया है।
बता दें कि यूपी में 2022 के विधानसभा चुनावों को बीजेपी के लिए अहम माना जा रहा है। अगले साल मार्च तक चुनाव हो सकते हैं। 2017 में बीजेपी ने यहां 403 सीटों में से 309 पर जीत हासिल की थी। समाजवादी पार्टी को महज 49 और बीएसपी को 18 सीटें ही मिली थीं। वहीं कांग्रेस सिर्फ 7 सीटें ही जीत सकी थी।