संसद मानसून सत्र: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज तीसरा दिन, पीएम मोदी शाम चार बजे देंगे जवाब
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को शाम को करीब चार बजे लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब देंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी।
पीएमओ ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि आज शाम करीब चार बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे। विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज भी लोकसभा में चर्चा जारी है।
यह प्रस्ताव कांग्रेस के गौरव गोगोई ने मंगलवार को निचले सदन में पेश किया था। चर्चा की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा था कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस यानी ‘इंडिया’ मणिपुर मुद्दे पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लेकर आया है क्योंकि राज्य न्याय की मांग कर रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया था कि प्रधानमंत्री मोदी अब तक मणिपुर क्यों नहीं गये? उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह पर राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह से विफल रहने का भी आरोप लगाया।
चर्चा में भाग लेते हुए विपक्षी गठबंधन के सदस्यों ने मणिपुर के साथ ही हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में हुई सांप्रदायिक हिंसा के अलावा, महंगाई, विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य सरकारों को अस्थिर करने, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग जैसे मुद्दे उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश की।
लोकसभा में हुई चर्चा के दौरान बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने केंद्र व मणिपुर सरकार पर विफल होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री इसलिए मणिुपर नहीं गए क्योंकि वह पूर्वोत्तर के इस राज्य को देश का हिस्सा नहीं समझते।
चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के आरोपों का विस्तृत जवाब दिया और सदन में एक प्रस्ताव के माध्यम से मणिपुर में सभी पक्षों से शांति बहाल करने और वार्ता की अपील की। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया कि मणिपुर में शांति बहाली के लिए इस सदन की ओर से अपील होनी चाहिए।
शाह ने सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए मणिपुर के मुद्दे पर सरकार की ओर से की गयी कार्रवाई का विस्तृत विवरण दिया और अपने भाषण के अंत में अध्यक्ष बिरला से प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया।
सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया। हालांकि इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने मांग की कि यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री मोदी की ओर से आता तो अच्छा होता।