अमित शाह के पत्र पर तृणमूल कांग्रेस का पलटवार, कहा- गृह मंत्री आरोप साबित करें या माफी मांगे
प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार आमने-सामने आ गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को प्रवासी मजदूरों को लेकर पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल तक पहुंचने वाली ट्रेनों की अनुमति नहीं देने का राज्य सरकार पर आरोप लगाया है और इसे प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय बताया है। इस पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पलटवार करते हुए कहा है कि गृह मंत्री झूठ बोल रहे हैं। टीएमसी ने कहा है कि अमित शाह आरोप साबित करें या माफी मांगें।
टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि इस संकट की घड़ी में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में नाकाम रहने वाले केंद्रीय गृह मंत्री झूठ के पुलिंदा के साथ लोगों को गुमराह करने के लिए हफ्तों की चुप्पी के बाद बोल रहे हैं। विडंबना यह है कि लोगों को केंद्र सरकार ने उनके ही हाल पर छोड़ दिया है। अमित शाह अपने फर्जी आरोपों को साबित करें या माफी मांगें।
पश्चिम बंगाल को बनाया जा रहा है निशाना
टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि केंद्र ने कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब और तेलंगाना से प्रवासी मजदूरों के लिए आठ ट्रेनों की योजना बनाई है। पहली ट्रेन शनिवार को हैदराबाद से माल्दा के लिए रवाना होगी। केंद्र सरकार झूठ बोल रही है कि यात्रियों को अलग-अलग राज्यों से बंगाल लाने के लिए आठ ट्रेनें तैयार हैं। उन्होंने कहा कि 16 प्रवासी मजदूरों की रेल से कुचलकर मौत हो गई, क्या रेल मंत्री जिम्मेदारी लेंगे। दस्तीकार ने कहा कि केंद्र राजनीतिक लाभ के लिए पश्चिम बंगाल को निशाना बना रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अमित शाह ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न स्थानों पर प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनों का उल्लेख करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया। कहा गया कि केंद्र ने दो लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचने की सुविधा प्रदान की है। पत्र में केंद्रीय गृह मंत्री ने लिखा कि हमें पश्चिम बंगाल से उम्मीद के मुताबिक समर्थन नहीं मिल रहा है। राज्य सरकार अपने यहां ट्रेनों को अनमुति नहीं दे रही है। यह बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है। इससे उनके लिए मुश्किलें बढ़ेंगी।