पंजाब कांग्रेस में घमासान चरम पर पहुंचा, पार्टी दो फाड़ के कगार पर, सिद्धू के बाद कैप्टन अमरिंदर ने बुलाई आपात बैठक
पंजाब में सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी में जारी घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की खबरों को लेकर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आलाकमान से खफा चल रहे हैं। ऐसे में सिद्धू की पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी से पहले ही पार्टी दो फाड़ होने की कगार पर है। सूत्रों के मुताबिक, अगर कैप्टन खेमे ने आलाकमान पर सिद्धू की ताजपोशी रोकने का दबाव बनाया तो ऐसी स्थिति में पलटवार के लिए सिद्धू खेमा भी तैयार है और इस बाबत रणनीति पर फोकस किया जा रहा है।
इससे पहले यह खबर थी कि पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का मुखिया बनाने की तैयारी में है.।पार्टी का ये मानना है कि इस कदम से सिद्धू और कैप्टन के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान थम जाएगी। वहीं, इस पर सफाई देते हुए पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने सिद्धू को अध्यक्ष बनाने की बात नहीं की थी। केवल समाधान का एक रास्ता बताया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिद्धू के साथ 5 मंत्रियों और करीब 10 विधायकों की अहम बैठक चंडीगढ़ में हो रही है। सेक्टर-39 स्थित पंजाब के कैबिनेट मंत्री और कैप्टन विरोधी सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर यह बैठक रखी गई है। वहींष नवजोत सिंह सिद्धू की बैठक के बाद क... कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी मोहाली के सिसवां स्थित अपने फॉर्म हाउस पर अपने करीबी विधायकों, मंत्रियों और सांसदों की आपात बैठक बुलाई है ताकि सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने से रोका जा सके।
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने कहा कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे की खबरें निराधार हैं। उन्होंने न तो इस्तीफा दिया है और न ही ऐसा करने की पेशकश की है। वह 2022 के विधानसभा चुनावों में पंजाब कांग्रेस को जीत दिलाएंगे जैसा कि उन्होंने 2017 में किया था।
कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू के बारे में सोनिया गांधी के साथ मुलाकात को लेकर कहा कि मैं उत्तराखंड के मसले पर मिला था, पंजाब पर नहीं। मैंने ऐसा नहीं कहा था कि सिद्धू पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होंगे। उन्होंने कहा कि मुझसे एक सवाल पूछा गया था, जिसके जवाब में मैंने कहा था कि कई संभावनाएं हैं जिसमें ये भी एक है। इससे पहले उन्होंने राज्य के दोनों बड़े नेताओं के बीच चले आ रहे मतभेद के खत्म होने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने रहेंगे जबकि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा।