आंध्र प्रदेश में किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी कांग्रेस
आंध्र प्रदेश में कांग्रेस किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी और प्रदेश में पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए ‘जनता से गठबंधन’ कांग्रेस का नया नारा होगा।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव तथा आंध्र प्रदेश के प्रभारी ओमान चांडी और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एन रघुवीरा रेड्डी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आंध्र प्रदेश में गठबंधन हमारे एजेंडे में नहीं हैं। हमारा नारा जनता से गठबंधन है और बूथ स्तर से पार्टी को मजबूत करना हमारा प्रमुख लक्ष्य है। हमें पता है कि यह चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन हम लोगों तक जाएंगे, घर-घर जाकर अभियान चलाएंगे और पार्टी को वापस सत्ता में लाएंगे।
उन्होंने कहा कि स्थानीय नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर बातचीत की है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश की जनता के साथ विशेष राज्य के मुद्दे पर बीजेपी और टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) ने छल किया है। यह जानबूझकर किया गया। लोगों को यह पता है। वह बीजेपी की रणनीति और उसका रवैया समझते हैं। टीडीपी ने चार साल तक बीजेपी के साथ गठबंधन बनाए रखा, लेकिन अब केवल लोगों को गुमराह करने के लिए उन्होंने उसका साथ छोड़ दिया।
विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को केंद्र की योजनाओं में 90 प्रतिशत फंड मिलता है, जबकि अन्य राज्यों को 60 प्रतिशत। बाकी रकम राज्य सरकारें अपने कोष से खर्च करती हैं। विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के बाद केंद्र सरकार न सिर्फ उन राज्यों को विशेष पैकेज देती है बल्कि टैक्स में रियायत भी देती है। इससे निवेशक आते हैं, लोगों को रोजगार मिलता है और उस राज्य की गाड़ी पटरी पर आ जाती है। अब तक देश के 11 राज्यों को विशेष दर्जा मिल चुका है। इनमें असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड शामिल हैं। यह सब पहाड़ी या अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर स्थित राज्य हैं।